कन्याकुमारी, 31 मई 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कन्याकुमारी में ध्यान लगाने की तस्वीरें और वीडियो ने एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है। इस घटना पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या यह ध्यान साधना वाकई आत्मिक शांति के लिए थी या फिर एक राजनीतिक स्टंट।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को कन्याकुमारी के विख्यात समुद्र तट पर ध्यान लगाया। इस ध्यान साधना के दौरान, प्रधानमंत्री की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों पर तेजी से वायरल हो गए। इन तस्वीरों में मोदी जी को समुद्र की लहरों के सामने ध्यानमग्न मुद्रा में बैठे हुए देखा जा सकता है।
राहुल गांधी ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "प्रधानमंत्री का ध्यान लगाना अच्छी बात है, लेकिन सवाल यह उठता है कि यह ध्यान साधना कैमरों के सामने क्यों की गई? क्या यह आत्मिक शांति के लिए थी या फिर इसका मकसद कुछ और था?" उन्होंने यह भी जोड़ा कि देश के प्रधानमंत्री को अपने कर्मों में सच्चाई और ईमानदारी दिखानी चाहिए, न कि पब्लिसिटी के लिए ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए।
इस सवाल के उठते ही बीजेपी के प्रवक्ताओं ने राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान लगाना एक व्यक्तिगत और आध्यात्मिक क्रिया थी, और इसे राजनीति के नजरिए से देखना उचित नहीं है। बीजेपी ने राहुल गांधी के बयानों को नकारात्मक और निराधार बताया।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आगामी चुनावों के मद्देनजर और गहराता जा रहा है। जहां एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी का ध्यान साधना उनके समर्थकों के लिए एक प्रेरणादायक संदेश है, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष इसे पब्लिसिटी स्टंट के रूप में देख रहा है।
इस बीच, सोशल मीडिया पर भी इस घटना पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ लोग प्रधानमंत्री के इस कदम की सराहना कर रहे हैं, वहीं कुछ लोग इसे सिर्फ एक राजनीतिक प्रचार का हिस्सा मान रहे हैं।
इस घटना ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि भारतीय राजनीति में हर छोटी-बड़ी घटना को विभिन्न दृष्टिकोणों से देखा और समझा जाता है। अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर और क्या-क्या प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं और यह विवाद कितना गहरा होता है।