उत्तराखंड के रामनगर के निवासी 17 साल के अंकित अपने दोस्तों के साथ स्कूल से घर लौट रहा था। एक सुनसान जगह पर एक बाघ ने अंकित के समूह पर हमला किया। अंकित ने न केवल अपने दोस्तों की जानें बचाईं, बल्कि बहादुरी से मौत को मात देकर बाघ को भगा दिया।
हालांकि, इस हमले में उसे बुरी तरह जख्मी हो गया था, लेकिन कई सर्जरी के बाद अब उसकी हालत में सुधार है।
यह कहानी आपको चौंका देगी। वहीं, 17 साल के लड़के की बहादुरी का किस्सा सुनकर आप भी उसकी वीरता के प्रति प्रसन्न होंगे। खुद अंकित के शब्दों में सुनिए नवंबर 2023 को उस दिन क्या हुआ था और कैसे उसने मौत को मात दी थी।
मैं दोपहर में अपने दोस्तों के साथ स्कूल से लौट रहा था। तभी एक पेड़ पर बैठे बाघ ने पीछे से हमला किया। उसने मेरे सिर को अपने मुंह में पकड़ लिया था। मगर, इसी दौरान किसी तरह से बाघ की पकड़ पीछे से कमजोर हो गई थी। बस इसी पल में मैंने अपने दाहिने हाथ से बाघ की जीभ पकड़कर खींच ली। अब वह अपनी जान बचाने के लिए मेरी पकड़ से छूटने के लिए तिलमिलाया और वहां से भाग निकला।
मेरा बहुत अधिक खून बह गया था। सिर की खाल उड़ गई थी, खोपड़ी की हड्डी बाहर आ गई थी। दाहिना कान लटक रहा था, चेहरा कट गया था और दाहिने हाथ का अंगूठा आंशिक रूप से कट गया था। मगर, अब 4 महीने के इलाज के बाद मैं ठीक हो रहा हूं। सिर, चेहरे और हाथ की चोटें ठीक हो गई हैं और हर दिन बेहतर हो रहा हूं।
डॉक्टर बोले बहुत बहादुर है अंकित…
प्लास्टिक और कॉस्मेटिक सर्जन डॉ. आशीष ढींगरा ने कहा, "जब अंकित हमारे पास आया, तो उसके सिर, चेहरे, गर्दन और हाथ पर गंभीर चोटें आई थीं। घावों पर अभी भी उस जगह का मलबा और पत्तियां मौजूद थीं, जहां उसने बाघ के साथ अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष किया था।
उसे रीकंस्ट्रक्टिव सर्जरी की जरूरत थी। हमने उसकी खोपड़ी और हाथ को बचाने के लिए महीनों तक सर्जरी की। कार्यात्मक और सौंदर्य संबंधी परिणामों में सुधार के लिए उसे कुछ और सर्जरी की जरूरत होगी। अंकित सर्जरी की पूरी प्रक्रिया और ऑपरेशन के बाद के चरण में बहुत मददगार रहे और यह कहना गलत नहीं होगा कि वह बहुत बहादुर है।