प्रसन्न होंगे श्रीहरि और पाएंगे मनचाहा वरदान, आज है पद्मिनी एकादशी! व्रत रखने की विधि से जानें अधिक



आज है पद्मिनी एकादशी का विशेष दिन, जिसे हिन्दू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार के रूप में माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अवतार को याद करते हुए व्रत रखने से संसार के सभी पापों से मुक्ति मिलती है और विशेष वरदानों की प्राप्ति होती है। इस विशेष दिन पर, हम आपको पद्मिनी एकादशी के महत्वपूर्ण तथ्यों और इसके व्रत रखने की विधि के बारे में विस्तार से बताएंगे।


पद्मिनी एकादशी का महत्व

पद्मिनी एकादशी को देवशयनी एकादशी भी कहा जाता है और यह शुक्ल पक्ष की एकादशी के रूप में मनाई जाती है। इस दिन भगवान विष्णु के प्रत्येक भक्त की मनोकामना पूरी होती है और वे अपने जीवन में सुख शांति प्राप्त करते हैं। इस त्योहार को रात्रि में जागरण करके विशेष पूजा-अर्चना के साथ मनाने से संसार में सुख शांति की प्राप्ति होती है।


पद्मिनी एकादशी के व्रत रखने की विधि

इस विशेष दिन पर पद्मिनी एकादशी के व्रत को उचित रूप से रखने के लिए निम्नलिखित विधि का पालन कर सकते हैं:


1. व्रत की सुबह शुरुआत

पद्मिनी एकादशी के व्रत की शुरुआत व्रती व्यक्ति को उषा काल में उठकर करनी चाहिए। व्रती को स्नान करके विशेष ध्यान देना चाहिए और साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।


2. उपवास

इस विशेष दिन पर व्रती को निराहार रहना चाहिए। व्रती फल, सब्जी, और अनाज की जगह दूध, दही, मिष्ठान और सात्विक आहार खाने का प्रयास करें।


3. पूजा और भजन

पद्मिनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करें और उनके भजन गाएं। विशेष रूप से व्रती व्यक्ति तुलसी के पत्ते, फूल, और धूप-दीप आदि से पूजा कर सकते हैं।


4. जागरण

पद्मिनी एकादशी की रात्रि में व्रती को जागरण करनी चाहिए। विशेष रूप से उन्हें विष्णु सहस्त्रनाम स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और भजनों का आनंद लेना चाहिए।


5. व्रत के उधघाटन

पद्मिनी एकादशी के व्रत को उधघाटन द्वारा समाप्त करें। इसके बाद व्रती व्यक्ति को दक्षिण दिशा की ओर मुँह करके धन्यवाद करना चाहिए।


विशेष वरदान और मनचाहा वरदान

पद्मिनी एकादशी के व्रत को उचित रूप से रखने से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्रती की मनोकामना पूरी होती है। व्रती को सुख, समृद्धि, और सुख-शांति की प्राप्ति होती है।

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