वर्षा ऋतु और उसके साथ आने वाली बारिश हमारे जीवन के लिए आनंदमयी होती हैं, लेकिन इसके साथ ही इन्फेक्शन और बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। डायबिटीज के मरीजों के लिए बारिश और उमस से जुड़ी कई बाधाएं हो सकती हैं। इस लेख में, हम आपको बताएंगे कि बारिश में डायबिटीज के मरीजों को कौन-कौन से रोगों की चपेट में आने की संभावना होती है और इससे बचाव के उपाय।
बारिश में भीगते ही इन 5 बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं डायबिटीज के मरीज
१. मलेरिया
बारिश के मौसम में मलेरिया का खतरा बढ़ जाता है। मलेरिया एक प्रकार की मच्छरों के काटने से होने वाली बीमारी है जो डायबिटीज के मरीजों के लिए ज्यादा खतरनाक होती है। मलेरिया के लक्षण में बुखार, शरीर में दर्द और थकान शामिल होते हैं। इसके बचाव के लिए, डायबिटीज के मरीजों को मच्छरों से बचने के लिए उचित संरक्षण के साथ-साथ जीवनशैली में भी सावधानी बरतनी चाहिए। अच्छे मच्छर रिपेलेंट का उपयोग करना, संगठन की ओर से उचित मच्छर नियंत्रण की व्यवस्था करना और बारिश के दिनों में खुले रहने से बचना, डायबिटीज के मरीजों को मलेरिया से बचने में मदद कर सकता है।
२. जुकाम और सर्दी-जुकाम
बारिश के मौसम में जुकाम और सर्दी-जुकाम का प्रसार तेज होता है। डायबिटीज के मरीजों के इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिसके कारण वे इन बीमारियों के लक्षणों के साथ अधिक प्रभावित हो सकते हैं। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को हफ्ते में कम से कम एक बार गर्म पानी में नमक डालकर गरारे करना चाहिए और साफ़ पानी से अच्छी तरह स्नान करना चाहिए। वे भी अपनी आहार में प्रोटीन, विटामिन C और अन्य पोषक तत्वों को सम्मिलित करें जो इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने में मदद कर सकते हैं।
३. पेट इंफेक्शन
बारिश के मौसम में पानी और भोजन में संक्रमण की संभावना बढ़ जाती है, जिससे पेट इंफेक्शन हो सकती है। डायबिटीज के मरीजों के लिए यह और भी चिंता का विषय होता है, क्योंकि इसके कारण उनका रक्त शर्करा स्तर बिगड़ सकता है। ऐसे में, स्वच्छता का ध्यान रखना बहुत महत्वपूर्ण होता है। खाने के साथ हाथों की सफाई करना, स्वच्छ पानी पीना और उचित तरीके से खाना बनाना डायबिटीज के मरीजों को पेट इंफेक्शन से बचाने में मदद कर सकता है।
४. स्किन संक्रमण
बारिश के मौसम में नमी और गीले स्थानों के कारण स्किन संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज के मरीजों की त्वचा संक्रमण के लिए अधिक प्रभावशाली होती है क्योंकि उनकी रक्त संरचना और रक्त परिसंचरण अलग होती है। त्वचा की सेवा के लिए, डायबिटीज के मरीजों को नियमित रूप से स्नान करना चाहिए और विशेष ध्यान देना चाहिए कि किसी भी चोट या चकत्ते के ठीक होने में समय लग सकता है। वे मूंगफली तेल, जोशीले तेल यासरसों के तेल का उपयोग कर सकते हैं, जो त्वचा को मुलायम और स्वस्थ रखने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा, डायबिटीज के मरीजों को लंबे समय तक गीले कपड़े और बर्फ़ीले इलाकों से बचना चाहिए, क्योंकि यह उनकी त्वचा को अधिक संक्रमण के लिए अनुकरणीय बना सकता है।
५. ज्वर और इन्फेक्शन
बारिश के मौसम में बैक्टीरियल और वायरल इन्फेक्शन का खतरा बढ़ता है, जिससे ज्वर और अन्य संक्रमण हो सकते हैं। डायबिटीज के मरीजों के इम्यून सिस्टम कमजोर होने के कारण, उनके लिए यह और भी खतरनाक हो सकता है। ज्वर के लक्षण में तापमान बढ़ना, शरीर में दर्द और मुँह सूखने की समस्या होती है। इसलिए, डायबिटीज के मरीजों को बारिश के मौसम में स्वच्छता और व्यायाम का ध्यान रखना चाहिए ताकि उनका इम्यून सिस्टम मजबूत रहे। अगर किसी इन्फेक्शन के लक्षण प्रकट हों, तो वे तत्परता से चिकित्सक की सलाह लेने चाहिए।
बारिश में भीगते ही डायबिटीज के मरीजों को उपरोक्त बीमारियों से बचने के लिए उपरोक्त सुझावों का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही वे अपने इलाज़ का नियमित रूप से पालन करें और अपने डॉक्टर की सलाह पर ध्यान दें। नियमित व्यायाम, स्वस्थ आहार और उचित दिनचर्या के साथ डायबिटीज के मरीज अपनी सेहत को मजबूत रख सकते हैं।