भारत में गरीबी के कई कारण हैं जो इस समस्या को बढ़ाते हैं। यहां कुछ मुख्य कारणों का उल्लेख किया गया है:
1. बेरोजगारी: बेरोजगारी एक मुख्य कारण है जो गरीबी को बढ़ाता है। बेरोजगारी के कारण लोग आर्थिक रूप से सुस्ती में पड़ जाते हैं और अपनी रोजगारी के लिए मुश्किलों का सामना करते हैं।
2. निराधारता: कई लोग भारत में निराश्रित होते हैं और अपने आवास, खान-पान और शिक्षा की सुविधाओं से वंचित रहते हैं। इसके कारण वे अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं कर पाते हैं और गरीबी के करीब रहते हैं।
3. बढ़ता जनसंख्या: भारत की बढ़ती जनसंख्या भी गरीबी का एक मुख्य कारण है। अत्यधिक जनसंख्या के कारण आर्थिक संसाधनों की कमी होती है और उचित रोजगार की उपलब्धता में दिक्कत होती है।
4. जातिवाद और भेदभाव: जातिवाद और भेदभाव भी भारत में गरीबी को बढ़ाते हैं। इसके कारण कुछ लोग आर्थिक और सामाजिक वर्ग के कारण अवसरों से वंचित रहते हैं और समाज के मुख्यस्थ लोगों द्वारा उन्हें सम्मान और समानता का अधिकार नहीं मिलता है। इसके परिणामस्वरूप, वे आर्थिक रूप से पिछड़ जाते हैं और गरीबी की समस्या से जूझते रहते हैं।
5. अन्य कारण: गरीबी के कारणों में अन्य भी चीजें शामिल हो सकती हैं जैसे आर्थिक असुरक्षा, उच्च और निरक्षरता, कम आर्थिक संसाधनों पर पर्यावरणीय प्रभाव, किसानों की समस्याएं, बेरोजगारी और अवसरों की कमी, अस्पष्ट नीतियां और कानूनों का अवहेलना।
ये कुछ मुख्य कारण हैं जो भारत में गरीबी को बढ़ाने में मदद करते हैं। इस समस्या का समाधान करने के लिए, सरकार और समाज को आर्थिक संसाधनों का संबंधित वितरण सुनिश्चित करने, शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और आवास के लिए सुविधाओं को सुनिश्चित करने, गरीबी के संकट को समझने और इसे कम करने के लिए सशक्त कदम उठाने की आवश्यकता है।