साईं बाबा, यानी साईं बाबा शिरडीवाले, जिनका असली नाम श्री सच्चिदानंद साईं बाबा था, वे जन्म से ही अपने जीवन में अद्वैत और साधारणता की मान्यता रखते थे। वे एक साधु थे और शिरडी गांव में रहते थे, जहां उन्होंने अपने चमत्कारों और उपदेशों के माध्यम से लोगों की मदद की।
साईं बाबा की मृत्यु का कारण उनकी उम्र के कारण था। साईं बाबा 15 अक्टूबर 1918 को शिरडी में अपनी मृत्यु को प्राप्त हुए थे। उनके द्वारा बताये जाने वाले जन्मतिथि के अनुसार, उनकी उम्र 1838 ई. पूर्वानुमानित की जाती है।
साईं बाबा की मृत्यु के पश्चात उनके शिष्यों और भक्तों ने उनकी समाधि को शिरडी में स्थापित किया। साईं बाबा की समाधि आज भी शिरडी में भक्तों के लिए एक पवित्र स्थान है और वहां प्रतिदिन अनेकों लोग आकर उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं।