हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए आप निम्नलिखित मंत्र और पूजा विधि का अनुसरण कर सकते हैं:
मंत्र: "ॐ श्री हनुमते नमः" (Om Shri Hanumate Namah)
पूजा विधि:
1. पूजा स्थल को साफ-सुथरा करें और उचित रूप से सजाएं।
2. पूजा के लिए ज्ञान वाला वस्त्र (सफेद या भगवा) पहनें।
3. पूजा के लिए आपके पास निम्नलिखित सामग्री होनी चाहिए:
- हनुमान चालीसा, हनुमान आरती और रामायण पुस्तक
- सिन्दूर, रोली, चावल, कुमकुम
- फूल, पुष्पमाला
- दीपक, घी, बत्ती
- जल, गंध, नैवेद्य के लिए फल और मिठाई
- तांबे का तट्या (लोटा) और कलश
- मूर्ति या चित्र में हनुमान जी का ध्यान करने के लिए
4. पूजा आरंभ करने से पहले, अपने मन में शुद्धता और भक्ति के साथ हनुमान जी को स्मरण करें।
5. हनुमान चालीसा, हनुमान आरती और रामायण के पाठ करें।
6. हनुमान जी की मूर्ति या चित्र के सामने बैठें और सिन्दूर और रोली से उनकी पूजा करें। उनके चरणों में चावल और कुमकुम रखें .
करें।
7. दीपक को जलें और घी की बत्ती रखें। इसके साथ हनुमान जी को आरती दें और मन्त्र "ॐ श्री हनुमते नमः" का जाप करें।
8. फूलों और पुष्पमाला के साथ हनुमान जी के चरणों को सजाएं।
9. अपने नैवेद्य को हनुमान जी के सामने रखें और उनकी कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करें। फल और मिठाई को चढ़ाएं।
10. अगर संभव हो तो, तांबे के तट्या में पानी लेकर उनके चरणों को धोएं और फिर उस पानी से अपने सिर को छिढ़कें।
11. अपने मन में शुद्ध भाव से हनुमान जी की कृपा और आशीर्वाद की प्रार्थना करें।
12. आरती को पूरा करें और हनुमान जी को धन्यवाद दें कि आपकी पूजा स्वीकार की गई है।
13. पूजा के बाद, हनुमान चालीसा और रामायण के पाठ को पूरा करें और अपने मन में हनुमान जी का ध्यान करें।
14. पूजा के बाद अन्य प्रशंसापत्र और प्रार्थना को पढ़ें और अपने जीवन में हनुमान जी के आदर्शों का अनुसरण करने का संकल्प लें।
15. पूजा के बाद, प्रसाद को बांटें और उन्हें सभी प्रेषित श्रद्धा और समर्पण के साथ स्वीकार करें।
याद रखें, हनुमान जी की पूजा में भक्ति, श्रद्धा और पवित्रता की आवश्यकता होती है। आप अपनी भावना से पूजा करें और समर्पित रहें। विधियों के साथ ही, अपने मन में प्रेम और आदर्शों को प्रकट करना महत्वपूर्ण है। हनुमान जी पर आपकी निःस्वार्थ भक्ति और विश्वास की प्रतिष्ठा रखें और उनकी कृपा और आशीर्वाद का आनंद लें।