फैटी लिवर या स्टीटोहेपाटाइटिस होने पर शरीर के लिवर में अतिरिक्त चर्बी इकट्ठी हो जाती है, जिससे लिवर की कार्य क्षमता प्रभावित होती है। अक्सर इसके लक्षण धीरे-धीरे विकसित होते हैं और शुरुआती अवस्था में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि, कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
1. पेट की चर्बी: फैटी लिवर में अतिरिक्त चर्बी इकट्ठी होने के कारण पेट का विसर्जन बढ़ जाता है, जिससे पेट में मोटापा या बढ़ी हुई चर्बी दिखाई देती है।
2. थकान और कमजोरी: यदि आपका लिवर सही तरीके से कार्य नहीं कर रहा है, तो यह आपको थकान और कमजोरी का अनुभव करा सकता है।
3. पाचन संबंधी समस्याएं: फैटी लिवर के मरीजों में अपाच की समस्या, पेट में गैस, अपच, उच्च रक्तचाप, लालसर्ग, और पेट में दर्द जैसी पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।
4. वजन की बढ़ोतरी: अतिरिक्त चर्बी के कारण वजन में बढ़ोतरी हो सकती है,खासकर पेट क्षेत्र में।
5. उच्च रक्तचाप: फैटी लिवर के मरीजों में उच्च रक्तचाप का मामला आम होता है।
फैटी लिवर का उपचार कई प्राकृतिक और चिकित्सीय उपायों से संभव है। यहां कुछ सामान्य उपाय दिए जा रहे हैं, हालांकि, बेहतर होगा कि आप अपने चिकित्सक से सलाह लें और उनकी दिए गए उपायों का पालन करें:
1. स्वस्थ आहार: स्वस्थ आहार लेना फैटी लिवर के लिए महत्वपूर्ण है। इसमें फल, सब्जियां, पूरे अनाज, दूध और दूध से बनी वस्त्रीयां, प्रोटीन, और सुदूर्ण में बनी वस्त्रीयां शामिल होने चाहिए। तली हुई और पकाने की वस्त्रीयों, मिठाईयों, तेल, और चीनी के सेवन को कम करना चाहिए।
2. व्यायाम: नियमित व्यायाम करना फैटी लिवर के लिए लाभकारी हो सकता है। योग, चलना, जॉगिंग, स्विमिंग, और एरोबिक्स जैसी शारीरिक गतिविधियां आपको मदद कर सकती हैं।
3. वजन कम करें: अतिरिक्त वजन कम करना फैटी लिवर के लिए उपयुक्त हो सकता है। यह आपके लिवर के स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है।
4. अल्कोहल छोड़ें: यदि आप अपने फैटी लिवर के कारण अल्कोहल का सेवन कर रहे हैं, तो इसे पूरी तरह से छोड़ना चाहिए। अल्कोहल फैटी लिवर को और बढ़ा सकता है और इसके कारण लिवर की स्थिति बिगड़ सकती है।
5. साइरोहोग: साइरोहोग (लेवेर विशेषज्ञ द्वारा परामर्श देने वाला चिकित्सा) आपको आपके व्यक्तिगत मामलों के आधार पर और आपके लिवर की स्थिति के आधार पर सटीक उपाय सुझा सकता है।
फैटी लिवर एक संगठित चिकित्सा देखभाल की आवश्यकता करता है, इसलिए इसे गंभीरता से लेना चाहिए। आपको इस समस्या के बारे में अपने चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए और उनके दिए गए उपायों का पालन करना चाहिए।