भारत एक परमाणु देश है, जिसका अर्थ है कि यह परमाणु ऊर्जा का उपयोग करने वाले देशों में शामिल है। भारत ने परमाणु ऊर्जा का विकास करने के लिए एक व्यापक परमाणु कार्यक्रम शुरू किया है जिसका उद्घाटन 1944 में हुआ था।
भारत ने 1974 में पहली बार परमाणु बम (स्माइल टेस्ट) का परीक्षण किया था। यह परीक्षण विज्ञानिकों द्वारा "परमाणु ऊर्जा विभाजन के लिए प्रयास" के तहत किया गया था और इसे संयुक्त राष्ट्र में न्यूक्लियर विनियमन समझौते (एनपीटी) के तहत रखा गया। यह परीक्षण उच्चस्तरीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख प्रदर्शन था, लेकिन विश्वभर में इसे कुछ देशों ने नकारा। भारत को इसके बाद से पाठ्यक्रमिक रूप से न्यूक्लियर बम टेस्ट नहीं किए हैं और यह एक संयुक्त राष्ट्र समझौते का पालन कर रहा है जिसमें इसकी न्यूक्लियर ऊर्जा शांतिपूर्ण उपयोग को सीमित करने की प्रतिबद्धता शामिल है।
भारत का परमाणु बम कार्यक्रम वभारत का परमाणु बम कार्यक्रम विकासशील है और विभिन्न पहलों के माध्यम से सुदृढ़ हुआ है। इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय सुरक्षा और रक्षा को मजबूत करना है। यह कार्यक्रम भारतीय प्राकृतिक आपदाओं, आतंकवाद, युद्ध और सुरक्षा परिस्थितियों के साथ संबंधित है।
भारत का परमाणु बम कार्यक्रम उच्च सुरक्षा सुविधाओं और वैज्ञानिक अनुसंधान पर आधारित है। यह कार्यक्रम विभिन्न संगठनों, जैसे कि डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आरएडीएल और अटॉमिक एनर्जी कमीशन एईसी, के सहयोग से चलाया जाता है। इसके अंतर्गत, भारत ने परमाणु ऊर्जा और बम तकनीक के विकास के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा दिया है।
भारत के पास विभिन्न प्रकार के परमाणु बम हैं, जिनमें से कुछ व्यक्तिगत और कुछ ऐसे हैं जो संयुक्त राष्ट्र के अनुबंधों के तहत बनाए गए हैं।