स्टडी के अनुसार, तनाव भारतीय महिलाओं के बीच अधिकतर पाया जाता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं जो महिलाओं के तनाव का कारण बनते हैं। कुछ मुख्य कारणों को निम्नलिखित रूप से समझा जा सकता है:
1. सामाजिक दबाव: भारतीय समाज में महिलाओं के लिए विभिन्न प्रकार के सामाजिक दबाव मौजूद होते हैं। परिवारिक जिम्मेदारियों, पति और ससुराल के अपेक्षाओं, समाजी स्थिति, विवाहिता के लिए अपेक्षाएं, बच्चों की परवरिश और कैरियर जगत के बीच महिलाओं का तनाव बढ़ता है।
2. संगठनात्मक दबाव: कई महिलाएं बाल विवाह, दहेज प्रथा, पति और ससुराल के साथ मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न, संतान के लिए दबाव, संगठनात्मक परिवार में कम महत्वपूर्ण होने की स्थिति आदि के चलते तनाव का सामना करती हैं।
3. कार्य-परिवार संतुलन: अक्सर महिलाएं परिवारिक जिम्मेदारियों और अपेक्षाओं के बीच कार्य और परिवार का संतुलन बनाने की कोशिश करती हैं। दैनिक जीवन में दोनों के बीच इस संतुलन को स्थापित करना कठिन हो सकता है और इससे तनाव उत्पन्न हो सकता है।
4. आर्थिक स्थिति: कई महिलाएं आर्थिक स्वतंत्रता, वेतन समानता, रोजगार के अवसर और वित्तीय स्थिति में समानता के लिए लड़ रही हैं। आर्थिक तंगी, नियोक्ता द्वारा अनुचित व्यवहार, काम के दबाव, उच्च वेतन के लिए मुकाबला करने की अपेक्षा आदि इन सभी कारणों से महिलाओं को तनाव हो सकता है।
5. मानसिक स्वास्थ्य: भारतीय महिलाओं के बीच मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं भी तनाव का कारण बन सकती हैं। दबाव, चिंता, उदासी, निराशा, तनाव, सामाजिक समस्याएं और मनोवैज्ञानिक मुद्दों से जुड़ी समस्याएं भी महिलाओं को तनावपूर्ण बना सकती हैं।
ये कुछ मुख्य कारण हैं जो भारतीय महिलाओं को तनाव का शिकार बना सकते हैं। हालांकि, हर महिला अद्वितीय होती है और उनके तनाव के पीछे कारण भी अलग-अलग हो सकते हैं। यदि किसी महिला को तनाव की समस्या है, तो उसे उचित सहायता, समर्थन और सामरिक स्वास्थ्य की देखभाल के लिए संपर्क करना चाहिए।