योग और प्राणायाम अपार लाभों के साथ आयुर्वेदिक उपचार का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। चार प्रमुख प्राणायाम जो हर बीमारी के उपचार में सहायक हो सकते हैं वे हैं:
1. अनुलोम विलोम प्राणायाम (Alternate Nostril Breathing):
यह प्राणायाम श्वास नली को साफ करने, तंत्रिका तंत्र को संतुलित करने और मन को शांत करने के लिए मशहूर है। इसके माध्यम से शरीर को आपान वायु, प्राण वायु और सामान वायु के बीच संतुलन मिलता है, जिससे शरीर के विभिन्न अंगों को आवश्यक ऊर्जा प्राप्त होती है।
2. कपालभाति प्राणायाम (Skull Shining Breath):
यह प्राणायाम प्राकृतिक रूप से श्वसन शक्ति को बढ़ाने और शरीर को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह श्वास नली को साफ करके प्राण शक्ति को सक्रिय करता है और मस्तिष्क को स्पष्ट करके मानसिक शक्ति को बढ़ाता है।
3. भ्रामरी प्राणायाम (Bee Breath):
इस प्राणायाम में नाक के माध्यम से शांतिपूर्वक उच्च स्वर में श्वास लेते हैं और उच्च स्वर में ऊँचाई पर 'हम' ध्वनि को कम से कम 10 सेकंड तक बनाए रखते हैं। यह प्राणायाम मन को शांत करने, तनाव को कम करने, मस्तिष्क को ताजगी देने और मनोवैज्ञानिक बीमारियों में राहत देने में मदद करता है।
4. उज्जायी प्राणायाम (Victorious Breath):
इस प्राणायाम में श्वास के दौरान केला खाने की तरह गले के बाले हिस्से को सुविधाजनक रूप से बंधित करके श्वास लिया जाता है। इससे श्वास नली को मजबूती मिलती है, प्राण शक्ति जाग्रत होती है और मन को शांति प्राप्त होती है।
हालांकि, यदि किसी व्यक्ति को किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, तो उसे अपने चिकित्सक से सलाह लेनी चाहिए और उपचार के लिए सही दिशा निर्देश प्राप्त करना चाहिए। प्राणायाम शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायता करते हैं, लेकिन यह किसी विशेष बीमारी का ठीक करने का प्रमुख उपाय नहीं हैं।