पीरियड्स से पहले एक महिला को पीएमएस (प्रीमेनस्ट्रूअल सिंड्रोम) के साथ सामना करना पड़ता है। यह एक सामान्य तकलीफ है जो कई महिलाओं में पायी जाती है और उनके मासिक धर्म से 1-2 हफ्ते पहले शुरू होती है। यह शारीरिक और आवर्ती बदलावों के कारण होता है जो प्राकृतिक रूप से होने वाले हार्मोनिक बदलावों के साथ जुड़ा होता है।
पीएमएस के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
1. थकान
2. चिड़चिड़ापन और चिढ़ाना
3. मनोवैज्ञानिक तनाव या चिंता
4. स्वभाविक रूप से बढ़ी हुई भूख
5. विषम नींद
6. मामाशी वृद्धि और स्तनों में तनाव
7. घुटने के जोड़ों का दर्द
8. पेट में दर्द, पुरानी वातावरण या तपेदिक
9. सिरदर्द या माइग्रेन
10. मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक परिवर्तन, जैसे कि रुचि में कमी, चिढ़चिढ़ापन, उदासी या अवसाद
इसके कारण में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
1. हार्मोनिक बदलाव: मासिक चक्र में हार्मोन्स के स्तर में बदलाव शरीर में पीएमएस के लक्षणों का कारण बनता है।
2. सेरोटोनिन स्तर में परिवर्तन: सेरोटोनिन एक मूड और आनंद को नियंत्रित करने वाला हार्मोन है और पीएमएस के दौरान इसके स्तर में परिवर्तन हो सकता है, जिससे मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक स्थिति में परिवर्तन हो सकता है।
3. स्तनों में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन के स्तर में परिवर्तन: इन हार्मोन्स के स्तर में बदलाव पीएमएस के लक्षणों को प्रभावित कर सकता है, जैसे स्तनों में तनाव और वृद्धि।
4. विटामिन और खनिजों की कमी: इन्हें शरीर की प्राथमिकताओं को पूरा करने के लिए उपयुक्त मात्रा में प्राप्त करना महत्वपूर्ण होता है। पीएमएस के दौरान, खनिजों और विटामिनों की कमी हो सकती है, जो शारीरिक और मानसिक तकलीफ का कारण बन सकती है।
पीएमएस के लक्षण और कारण महिला से महिला भिन्न हो सकते हैं और यह हर महिला के लिए एकजूट नहीं होते हैं। यदि किसी महिला को पीएमएस से संबंधित तकलीफ अधिक हो रही है और इसका संचालन करना कठिन हो रहा है, तो उन्हें एक चिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए। चिकित्सक उन्हें सही निदान और उपचार प्रदान कर सकते हैं जो उनकी स्थिति को सुधार सकते हैं।