भारत में बेरोजगारी के कई प्रमुख कारण हैं। यहां नीचे कुछ मुख्य कारणों को समझाया गया है:
1. जनसंख्या का विकास: भारत में जनसंख्या बहुत तेजी से बढ़ रही है और यह अधिक रोजगार की मांग पैदा करती है। रोजगार के अवसरों की कमी के कारण बेरोजगारी बढ़ती है।
2. आर्थिक विकास की गति: भारत का आर्थिक विकास चुनौतीपूर्ण है, और आर्थिक विकास की गति रोजगार के अवसरों की वृद्धि से पीछे रह सकती है। उच्च वित्तीय विकास लेकिन न्यूनतम रोजगार विकास से बेरोजगारी बढ़ती है।
3. नौकरी के अवसरों का अभाव: उद्योगों और क्षेत्रों में कम रोजगार अवसरों के कारण बेरोजगारी बढ़ती है। बहुत सारे लोगों के लिए उपयुक्त नौकरियों की कमी रहती है और अधिकांश लोग बेरोजगार हो जाते हैं।
4. निवेश की कमी: उद्योग और व्यापार में निवेश की कमी बेरोजगारी को बढ़ावा देती है। निवेश की कमी से नए उद द्वारा किए जाने वाले निवेश में कमी से नए उद्योग और व्यापार के स्थापना में रुकावटें आती हैं, जिससे रोजगार के अवसरों की कमी होती है। इसके परिणामस्वरूप, बेरोजगारी का स्तर बढ़ जाता है।
5. क्षेत्रीय विषमता: भारत में क्षेत्रीय विषमता एक महत्वपूर्ण कारण है जो बेरोजगारी को प्रभावित करता है। विकासशील क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों की कमी होती है। कुछ क्षेत्रों में नौकरी के अवसर बहुत हद तक सीमित होते हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों में विभाजन और नौकरी के अवसरों का विस्तार होता है।
6. तकनीकी परिवर्तन: तकनीकी प्रगति भी बेरोजगारी का एक मुख्य कारण हो सकती है। नवीनतम तकनीकी उन्नति से कई जॉब्स को अतिरिक्त कर दिया जाता है या उन्हें अप्रभावी बना दिया जाता है। यह नौकरी के अवसरों को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है और बेरोजगारी को बढ़ावा देता है।
7. शिक्षा और कौशल की कमी : शिक्षा और कौशल की कमी भी बेरोजगारी के एक मुख्य कारण है। अपर्याप्त शिक्षा प्राप्त करने वाले और कुशलता के अभाव में रहने वाले व्यक्तियों के लिए उचित नौकरियों की उपलब्धता में समस्या होती है। यह अक्सर युवा जनसंख्या को प्रभावित करता है जो अपनी उच्च शिक्षा पूरी करके रोजगार प्राप्त करने की आशा रखती है।
8. आर्थिक अस्थिरता: आर्थिक अस्थिरता और वाणिज्यिक मंदी भी बेरोजगारी के बढ़ने का कारण हो सकती है। यदि व्यापारिक गतिविधियाँ या वित्तीय समस्याएं आती हैं, तो कंपनियों में नौकरियों की कमी होती है और लोग बेरोजगार हो जाते हैं।
9. सामाजिक-पारिवारिक प्रभाव: कई बार, सामाजिक और पारिवारिक मान्यताओं के कारण लोग नौकरी छोड़ने या उच्चतर शिक्षा की अवसरों को छोड़ने के लिए प्रतिस्पर्धा में हार जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप, उन्हें नौकरी नहीं मिलती है और बेरोजगार हो जाते हैं।
10. नौकरी प्राथमिकता की कमी: बेरोजगारी का एक और मुख्य कारण है नौकरी प्राथमिकता की कमी। कई बार सरकारी और निजी क्षेत्र के निवेशकों के द्वारा उचित रूप से प्राथमिकता नहीं दी जाती है और नौकरी के अवसर में कमी होती है। यह सामान्यतः विभिन्न संघटनाओं और आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण में एक कमी के कारण होता है।
यह सभी प्रमुख कारण संयुक्त रूप से भारत में बेरोजगारी के बढ़ते हुए स्तर का निर्धारण करते हैं। यह जरूरी है कि सरकार, सामाजिक संगठन, शिक्षा प्रणाली, व्यापार और उद्योग विकास आदि के माध्यम से इन मुद्दों पर काम करें ताकि बेरोजगारी कम की जा सके और रोजगार के अवसरों को बढ़ाया जा सके।
यह थे कुछ मुख्य कारण जो भारत में बढ़ती बेरोजगारी के पीछे हो सकते हैं। यह एक जटिल मुद्दा है और इसका समाधान केवल एक ही कारण पर निर्भर नहीं होगा। सरकार, स्वतंत्र उद्यमिता, शिक्षा, उद्योगों के विकास, ग्रामीण क्षेत्रों के विकास आदि क्षेत्रों में साथी उद्योग और समाज के सहयोग से ही बेरोजगारी को कम किया जा सकता है।