वैदिक समय से ही विष्णु सम्पूर्ण विश्व की सर्वोच्च शक्ति तथा नियन्ता के रूप में मान्य रहे हैं।
विष्णु पुराण 1/22/36 अनुसार भगवान विष्णु निराकार परब्रह्म जिनको वेदों में ईश्वर कहा है चतुर्भुज विष्णु को सबसे निकटतम मूर्त एवं मूर्त ब्रह्म कहा गया है। विष्णु को सर्वाधिक भागवत एवं विष्णु पुराण में वर्णन है और सभी पुराणों में भागवत पुराण को सर्वाधिक मान्य माना गया है
हिंदू धर्म में गुरुवार (Thursday) के दिन भगवान विष्णु (Lord Vishnu) की पूजा के लिए बेहद खास माना जाता है. कहते हैं सच्चे मन से उनकी पूजा करने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं भगवान विष्णु जरूर पूरा करते हैं. हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार गुरुवार को भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करने से जीवन के सभी संकटों से छुटकारा मिलता है. भगवान विष्णु जगत के पालनहार कहलाते हैं. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी कष्ट मिट जाते हैं. जिन लड़कियों की शादी में समस्या आती है उन्हें भी भगवान विष्णु जी की पूजा करने और व्रत रखने का सुझाव दिया जाता है.
गुरुवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप
ॐ अस्य बृहस्पति नम: (शिरसि)
ॐ अनुष्टुप छन्दसे नम: (मुखे)
ॐ सुराचार्यो देवतायै नम: (हृदि)
ॐ बृं बीजाय नम: (गुहये)
ॐ शक्तये नम: (पादयो:)
ॐ विनियोगाय नम: (सर्वांगे)
करन्यास मंत्र
ॐ ब्रां- अंगुष्ठाभ्यां नम:.
ॐ ब्रीं- तर्जनीभ्यां नम:.
ॐ ब्रूं- मध्यमाभ्यां नम:.
ॐ ब्रैं- अनामिकाभ्यां नम:.
ॐ ब्रौं- कनिष्ठिकाभ्यां नम:.
ॐ ब्र:- करतल कर पृष्ठाभ्यां नम:.
करन्यास के बाद मन से करें भगवान का आभार
ॐ ब्रां- हृदयाय नम:.
ॐ ब्रीं- शिरसे स्वाहा.
ॐ ब्रूं- शिखायैवषट्.
ॐ ब्रैं कवचाय् हुम.
ॐ ब्रौं- नेत्रत्रयाय वौषट्.
पीले वस्त्र करें धारण
गुरुवार के दिन पीले वस्त्र को धारण करना शुभ माना गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, गुरुवार के दिन पीले वस्त्र धारण करने से बृहस्पति देव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मनकामनाओं को पूर्ण करते हैं. भूलकर भी गुरुवार के दिन लाल या काले रंग के वस्त्र नहीं पहनने चाहिए.