रामायण हिन्दू रघुवंश के राजा राम की गाथा है। । यह आदि कवि वाल्मीकि द्वारा लिखा गया संस्कृत का एक अनुपम महाकाव्य, स्मृति का वह अंग है। इसे आदिकाव्य तथा इसके रचयिता महर्षि वाल्मीकि को ‘आदिकवि’ भी कहा जाता है।
दांपत्य जीवन यानी मैरिड लाइफ में कुछ चीजें हैं, जिन पर ध्यान देने से पति-पत्नी हमेशा खुश रहेंगे, इन बातों का रामायण में भी जिक्र है, आइये आपको बताते हैं कि जीवन में वो कौन-कौन सी चीजें हैं, जिन्हें पति-पत्नी को अपनाना चाहिये, ताकि उनका जीवन भी सुखमय हो सके.
पहली बात है संयम
संयम यानी कि समय-समय पर उठने वाले मानसिक उत्तेजनाओं जैसे कि कामवासना, क्रोध, अहंकार, लोभ या मोह आदि पर संयम होना चाहिये। राम-सीता ने अपना संपूर्ण दांपत्य जीवन बहुत ही संयम और प्रेम से जिया, दोनों कभी भी मानसिक और शारीरिक रुप से अनियंत्रित नहीं हुए।
संतुष्टि
संतुष्टि यानी एक-दूसरे के साथ रहते हुए परिस्थिति और समय के मुताबिक जो भी सुख-सुविधाएं प्राप्त हो, उसी में संतोष करना चाहिये। दोनों एक-दूसरे के सुख-दुख में भागीदार बनें, दोनों एक-दूसरे से पूर्णतः संतुष्ट हो, कभी भी राम ने सीता में या सीता ने राम में कोई कमी नहीं देखी। दोनों एक-दूसरे के फैसले का सम्मान करते थे।
संतान
वैवाहिक जीवन में संतान का भी बड़ा महत्वपूर्ण स्थान होता है, पति-पत्नी के बीच संबंधों को मजबूत और मधुर बनाने में बच्चों की अहम भूमिका होती है। राम-सीता के बीच वनवास को खत्म करने, तथा सीता को पवित्र साबित करने में उनके बच्चे लव और कुश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
संवेदनशीलता
पति-पत्नी के रुप में एक-दूसरे की भावनाओं को समझना और उसका सम्मान करना चाहिये, नहीं तो फिर छोटी-छोटी बातों पर वाद-विवाद होगा। राम और सीता के बीच संवेदनाओं का गहरा रिश्ता था। दोनों बिना कुछ कहे ही एक-दूसरे की बात को समझ लेते थे।
संकल्प
पति-पत्नी के रुप में अपने धर्म को अच्छी तरह से निभाने के लिये अपने कर्तव्य को संकल्पपूर्वक पूरा करना चाहिये। आपने विवाह करते समय एक-दूसरे से जो वादा किया है, उस संकल्प को पूरा करने के लिये काम करें, तभी आपका दांपत्य जीवन सुखमय हो पाएगा।
समर्पण
वैवाहिक जीवन में अगर पति-पत्नी एक-दूसरे के प्रति पूरी तरह से समर्पित नहीं हैं, तो फिर उनके जीवन में छोटे-मोटे विवाद होते रहेंगे, इसलिये पति-पत्नी के बीच एक-दूसरे के प्रति पूरा समर्पण और त्याग होना चाहिये। समझौता कर लेना दांपत्य जीवन को मधुर बनाये रखने के लिये सबसे जरुरी है।