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होली के दिन संभल की एक मस्जिद पर रंग से लिख दिया ‘जय श्रीराम’ – यूपी में भड़का सांप्रदायिक तनाव

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हाइलाइट्स:

  • होली और जुमा के दिन यूपी में सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम के बावजूद कई अप्रिय घटनाएं घटीं।
  • संभल में मस्जिद की दीवारों पर रंग फेंकने और जय श्रीराम लिखने की घटना ने तनाव बढ़ाया।
  • मुरादाबाद में मामूली विवाद के बाद युवक को गोली मार दी गई।
  • बागपत में मुस्लिम युवक पर हमला कर उसे अधमरा छोड़ दिया गया।
  • शाहजहांपुर और पंजाब के लुधियाना में भी होली के दौरान हिंसा की घटनाएं सामने आईं।

सुरक्षा के बीच भी हिंसा क्यों?

होली के त्यौहार को भाईचारे और रंगों के पर्व के रूप में जाना जाता है, लेकिन इस साल यूपी के कई जिलों में यह सौहार्द्र बनाए रखने में प्रशासन असफल रहा। खासतौर पर होली और जुमा एक ही दिन होने के कारण सुरक्षा कड़े इंतज़ाम किए गए थे, लेकिन फिर भी कई संवेदनशील इलाकों में अप्रिय घटनाएं देखने को मिलीं।

संभल में मस्जिद पर रंग फेंकने की घटना

यूपी के संभल जिले में एक मस्जिद की दीवारों पर रंग फेंकने और जय श्रीराम लिखे जाने की घटना ने माहौल गर्म कर दिया। धुरेटक गांव की मस्जिद पर रंग डालने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें मस्जिद की दीवारों और फर्श पर रंग बिखरे नजर आ रहे हैं। यह घटना तब हुई जब होली का जुलूस वहां से गुजर रहा था। स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई की बात कही है।

मुरादाबाद में रंग को लेकर गोली चली

मुरादाबाद में होली खेलने को लेकर हुए विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। अक्षय गुप्ता नाम के युवक को छोटू ठाकुर नाम के व्यक्ति ने सिर्फ इसलिए गोली मार दी क्योंकि उसने नहा लेने के बाद दोबारा रंग खेलने से मना कर दिया था। यह घटना इस बात को दर्शाती है कि रंगों का यह पर्व कैसे निजी विवादों की वजह से हिंसक हो सकता है।

बागपत में मुस्लिम युवक पर हमला

बागपत के निरोजपुर रोड पर शमीम नामक युवक अपने घर जा रहा था जब उसे कुछ लोगों ने घेर लिया। हमलावरों ने पहले उसका नाम पूछा और जब मुस्लिम होने की पुष्टि हुई, तो उस पर ईंटों और डंडों से हमला कर दिया गया। शमीम गंभीर रूप से घायल हो गया और हमलावर उसे मरा हुआ समझकर मौके से फरार हो गए।

शाहजहांपुर में सुरक्षा के बावजूद बवाल

शाहजहांपुर में प्रशासन ने 67 मस्जिदों को तिरपाल से ढक दिया था और सुरक्षा बल तैनात किए गए थे, फिर भी लाड साहब के जुलूस के दौरान हिंसा भड़क गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, कुछ उपद्रवी तत्वों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा।

लुधियाना में भी हुई सांप्रदायिक झड़प

पंजाब के लुधियाना में होली के दिन हिंदू और मुस्लिम समुदाय के बीच झड़प हो गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे पर पथराव किया और कई वाहनों को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। कुछ मस्जिदों के शीशे भी टूट गए। मुस्लिम समुदाय का आरोप है कि नमाज के दौरान उन पर पत्थर फेंके गए, जबकि हिंदू समुदाय का दावा है कि मस्जिद की ओर से पहले पथराव किया गया था।

प्रशासन की नाकामी या सुनियोजित हिंसा?

यूपी और अन्य राज्यों में हुई इन घटनाओं ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन ने पहले से ही सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे, फिर भी इतनी संवेदनशील जगहों पर इस तरह की घटनाएं कैसे हो गईं? क्या यह सिर्फ कुछ असामाजिक तत्वों की शरारत थी, या इसके पीछे कोई बड़ी साजिश थी?

होली का पर्व रंगों और भाईचारे का प्रतीक है, लेकिन कुछ असामाजिक तत्व हर साल इसे हिंसा में बदलने की कोशिश करते हैं। प्रशासन को चाहिए कि इस तरह की घटनाओं की गहराई से जांच कर कार्रवाई करे ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।

आपकी राय क्या है?

क्या इन घटनाओं के पीछे सिर्फ असामाजिक तत्व जिम्मेदार हैं या प्रशासन की नाकामी भी इसके लिए दोषी है? कमेंट सेक्शन में अपनी राय दें और इस खबर को शेयर करें ताकि अधिक से अधिक लोग इस विषय पर चर्चा कर सकें।

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)

1. क्या यूपी में होली के दौरान पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं? हाँ, पहले भी यूपी में होली के दौरान सांप्रदायिक तनाव की घटनाएं सामने आई हैं, लेकिन इस बार सुरक्षा के बावजूद ऐसी घटनाओं ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

2. संभल में मस्जिद पर रंग फेंकने के मामले में कोई कार्रवाई हुई है? प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है और दोषियों की पहचान करने की प्रक्रिया चल रही है।

3. बागपत में मुस्लिम युवक पर हुए हमले को लेकर क्या पुलिस ने कुछ कहा? पुलिस ने कहा है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

4. होली के दौरान ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रशासन क्या कर सकता है? प्रशासन को संवेदनशील इलाकों में निगरानी बढ़ानी चाहिए, सीसीटीवी कैमरों का इस्तेमाल करना चाहिए और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और कड़ी करनी चाहिए।

5. क्या इस तरह की घटनाएं सोशल मीडिया पर भी भड़काई जाती हैं? हाँ, कई बार सोशल मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट और अफवाहें इन घटनाओं को और बढ़ावा देती हैं। इसलिए जरूरी है कि लोग किसी भी खबर को बिना जांचे-परखे साझा न करें।

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