हमीरपुर (उत्तर प्रदेश), 22 फरवरी 2025 – उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक भयावह घटना सामने आई है, जहां एक पत्रकार और आरटीआई कार्यकर्ता के साथ बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं। रविवार को कुछ दबंगों ने एक पत्रकार को अगवा कर बेरहमी से पीटा, उसे निर्वस्त्र किया और गौशाला में घंटों तक अमानवीय यातनाएं दीं। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, और पत्रकार संगठनों में भारी रोष है।
क्या है पूरा मामला?
हमीरपुर जिले के सुमेरपुर क्षेत्र में रहने वाले Journalist और आरटीआई कार्यकर्ता रवींद्र कुमार भारतवंशी भ्रष्टाचार की जांच के सिलसिले में उमरी गांव पहुंचे थे। गांव में चल रहे मनरेगा योजना के काम में गड़बड़ी की शिकायतों के आधार पर वह पड़ताल करने गए थे। इसी दौरान, ग्राम प्रधान और उसके समर्थकों ने उन पर हमला कर दिया।
आरोपियों ने Journalist को जबरन एक गाड़ी में डालकर गौशाला ले गए, जहां उन्होंने उसे न केवल लात-घूंसों और डंडों से पीटा, बल्कि उन्हें निर्वस्त्र कर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना भी दी। पीड़ित ने बताया कि हमलावरों ने उसके निजी अंगों में बोतल डालने की भी कोशिश की। इतना ही नहीं, आरोपियों ने उन्हें झूठे आरोपों में फंसाने के लिए उनके बैग में नशीले पदार्थ रखकर वीडियो बनाने की कोशिश की।
हमीरपुर में पत्रकार के साथ बर्बरता की हद पार, नंगा करके पीटा, प्राइवेट पार्ट में की बोतल डालने की कोशिश…!!
यूपी के हमीरपुर में पत्रकार पर हमले का मामला सामने आया है, रविवार को एक गांव में सरपंच और उसके गुर्गों ने आरटीआई कार्यकर्ता को अगवा कर गोशाला में अमानवीय यातनाएं दी,… pic.twitter.com/KOsB7VwYQf
— MANOJ SHARMA LUCKNOW UP🇮🇳🇮🇳🇮🇳 (@ManojSh28986262) February 22, 2025
पत्रकार के लिए पुलिस ने क्या कार्रवाई की?
घटना के बाद पीड़ित Journalist ने पुलिस से संपर्क किया और अपनी आपबीती सुनाई। उनकी तहरीर पर पुलिस ने ग्राम प्रधान, उसके दो भाइयों और एक अज्ञात व्यक्ति सहित कुल चार आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं 191 (2), 191 (3), 115 (2), 35, 351 (3), 140 (3), 133 और 3 (ए) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। क्षेत्राधिकारी (सीओ) विनीता पहल ने बताया कि घटना की तफ्तीश की जा रही है और कुछ आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
पत्रकार संगठनों और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
इस घटना के सामने आने के बाद Journalist संगठनों में गहरा आक्रोश है। प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया और स्थानीय Journalist संघों ने दोषियों को जल्द से जल्द सजा देने की मांग की है। वहीं, विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी इस घटना की निंदा की है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा खतरे में है और कानून व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त हो चुकी है।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, “हमीरपुर में पत्रकार के साथ हुई बर्बरता लोकतंत्र पर हमला है। सरकार को तुरंत कार्रवाई कर दोषियों को सख्त सजा देनी चाहिए।”
Journalist के लिए क्या कहता है पत्रकारिता समुदाय?
पत्रकारिता लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है, और इस तरह की घटनाएं न केवल प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला हैं, बल्कि लोकतांत्रिक मूल्यों को भी कमजोर करती हैं। पत्रकार संगठनों ने इस मुद्दे को लेकर जल्द ही प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। पत्रकारों का कहना है कि यदि प्रशासन ने दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं की तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
न्याय की उम्मीद और आगे की कार्रवाई
फिलहाल, पीड़ित Journalist जिला अस्पताल में भर्ती हैं और उनकी हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस की जांच जारी है, और प्रशासन का कहना है कि मामले में निष्पक्ष कार्रवाई होगी। हालांकि, यह देखना होगा कि क्या सरकार और पुलिस वास्तव में इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष न्याय दिलाने में सक्षम होंगे।
हमीरपुर की यह घटना केवल एक पत्रकार पर हमला नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर भी हमला है। यह जरूरी है कि सरकार, प्रशासन और समाज इस तरह की घटनाओं के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों और पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। यदि पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से काम करने से रोका जाएगा, तो लोकतंत्र की नींव कमजोर होगी। उम्मीद है कि प्रशासन जल्द से जल्द आरोपियों को सजा दिलाएगा और पत्रकारिता की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।