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सीएम योगी के सख्त निर्देश के बाद एक्शन तेज, फर्जी तरीके से बेची गई जमीन, खरीदारों के साथ धोखाधड़ी पर बढ़ी मुश्किलें

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लखनऊ/गाजियाबाद: उत्तर प्रदेश के सीएम योगी के सख्त निर्देशों के बाद राज्य में अंसल ग्रुप के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। गाजियाबाद और लखनऊ में अंसल ग्रुप पर फर्जी दस्तावेजों के जरिए जमीन बेचने और खरीदारों के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में मुकदमे दर्ज किए गए हैं। यह मामला राज्य की रियल एस्टेट नीतियों और कानूनी प्रक्रियाओं के गंभीर उल्लंघन से जुड़ा हुआ है, जिसने सरकार और आम जनता दोनों का ध्यान खींचा है।

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) के सहायक अभियंता ज्ञान प्रकाश द्विवेदी ने बुधवार को क्रॉसिंग रिपब्लिक थाने में अंसल ग्रुप के खिलाफ एक प्राथमिकी दर्ज कराई। आरोप है कि अंसल ग्रुप ने टाउनशिप नीति का उल्लंघन करते हुए डूंडाहेड़ा गांव में स्थित 99.75 एकड़ जमीन को फर्जी दस्तावेजों के जरिए दूसरे लोगों को बेच दिया। इसके साथ ही, कंपनी पर जालसाजी और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं।

जांच के दौरान पता चला कि अंसल ग्रुप ने जमीन की खरीद-बिक्री में कानूनी प्रक्रियाओं की अनदेखी की और फर्जी कागजात तैयार किए। इससे न केवल खरीदारों को भारी नुकसान हुआ है, बल्कि सरकारी नियमों का भी सीधा उल्लंघन हुआ है। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने कई टीमें गठित की हैं और जांच तेज कर दी है।

गाजियाबाद से पहले लखनऊ में भी अंसल ग्रुप के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज किया गया था। आरोप है कि कंपनी ने खरीदारों के साथ धोखाधड़ी की, विश्वासघात किया और आपराधिक साजिश रची। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य विधानसभा में भी इस मामले का जिक्र किया था। उन्होंने विपक्षी समाजवादी पार्टी (सपा) पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके शासनकाल के दौरान ऐसे बिल्डरों को संरक्षण दिया गया था।

सीएम योगी ने कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य साफ है। जो भी कानून का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अंसल ग्रुप के मामले में भी पूरी तरह से जांच की जाएगी और दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।”

अंसल ग्रुप के खिलाफ दर्ज मुकदमों ने उन खरीदारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, जिन्होंने कंपनी से जमीन खरीदी थी। कई खरीदारों का कहना है कि उन्हें फर्जी दस्तावेजों के आधार पर जमीन बेची गई और अब उनके पास न तो जमीन है और न ही पैसा। एक खरीदार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमने अपनी जिंदगी की कमाई इस जमीन में लगा दी, लेकिन अब हमें पता चला है कि यह सब धोखाधड़ी थी। हमें न्याय मिलना चाहिए।”

सीएम योगी के निर्देशों के बाद सरकार ने अंसल ग्रुप के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मामले की गहन जांच कर रहे हैं। सरकार का कहना है कि इस मामले में कोई भी दोषी बचेगा नहीं और कानून का पूरी तरह से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।

यह मामला एक बार फिर रियल एस्टेट सेक्टर में सुधार की जरूरत को उजागर करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि टाउनशिप नीति और जमीन खरीद-बिक्री से जुड़े नियमों को और सख्त बनाने की आवश्यकता है। साथ ही, खरीदारों को भी सतर्क रहने की जरूरत है और किसी भी प्रॉपर्टी को खरीदने से पहले सभी कानूनी दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए।

अंसल ग्रुप के खिलाफ दर्ज मुकदमे न केवल कंपनी के लिए बल्कि पूरे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक चेतावनी है। सरकार की सख्त कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि कानून का उल्लंघन करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। खरीदारों को भी इस मामले से सबक लेते हुए अधिक सतर्क और जागरूक होने की आवश्यकता है।

इस मामले की जांच जारी है और आने वाले दिनों में और भी चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं। सरकार और प्रशासन की तरफ से इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं।

संदर्भ:
1. गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए)
2. उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग
3. राज्य विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ का बयान

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