संबंध

ज्योतिषशास्त्र से खुलासा: सप्ताह में किस दिन और किस समय संबंध बनाना होता है शुभ, किस समय संबंध बनाने से बनते हैं पाप के भागीदार

Astrology

हाइलाइट्स:

– ज्योतिष के अनुसार संबंध बनाने के लिए कुछ दिन और समय विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं।
– रात के कुछ खास पहर को संबंध बनाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है।
– पाप की घड़ी (राहु काल) के दौरान संबंध बनाना अशुभ और हानिकारक माना जाता है।
– शुक्रवार और सोमवार को संबंध बनाने के लिए विशेष रूप से शुभ माना जाता है।
– ज्योतिष अनुसार सही समय और दिन का चुनाव करने से वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।

संबंध बनाने का सही समय: ज्योतिष क्या कहता है?

ज्योतिष शास्त्र में हर कार्य के लिए एक शुभ समय और दिन निर्धारित किया गया है। संबंध बनाना भी एक ऐसा कार्य है जिसके लिए सही समय और दिन का चुनाव करना बेहद जरूरी है। ज्योतिष के अनुसार, संबंध बनाने के लिए रात का समय सबसे उत्तम माना जाता है। खासकर, रात के प्रथम प्रहर (सूर्यास्त के बाद का पहला तीन घंटे) को संबंध बनाने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस समय शरीर और मन दोनों ही शांत और तनावमुक्त होते हैं, जो एक अच्छे संबंध के लिए आवश्यक है।

किन दिनों को माना जाता है सर्वोत्तम?

ज्योतिष के अनुसार, सप्ताह के कुछ दिन संबंध बनाने के लिए विशेष रूप से शुभ माने जाते हैं। इन दिनों में शुक्रवार और सोमवार सबसे प्रमुख हैं।

1. शुक्रवार: शुक्रवार को शुक्र ग्रह का दिन माना जाता है। शुक्र ग्रह प्रेम, सुख और वैवाहिक जीवन के कारक हैं। इस दिन संबंध बनाने से जोड़ों के बीच प्रेम और आकर्षण बढ़ता है।
2. सोमवार: सोमवार को चंद्रमा का दिन माना जाता है। चंद्रमा मन और भावनाओं को प्रभावित करता है। इस दिन संबंध बनाने से जोड़ों के बीच भावनात्मक जुड़ाव मजबूत होता है।

इन दिनों के अलावा, गुरुवार को भी संबंध बनाने के लिए शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिन बृहस्पति ग्रह के प्रभाव में होता है, जो समृद्धि और सुख का प्रतीक है।

पाप की घड़ी (राहु काल) क्या है और इससे कैसे बचें?

ज्योतिष में राहु काल को पाप की घड़ी माना जाता है। यह समय अशुभ और नकारात्मक ऊर्जा से भरा होता है। राहु काल के दौरान किसी भी शुभ कार्य को करने से बचना चाहिए, क्योंकि इस समय किए गए कार्यों का फल अशुभ होता है।

राहु काल हर दिन लगभग 1.5 घंटे का होता है और इसका समय हर दिन बदलता रहता है। उदाहरण के लिए, सोमवार को सुबह 7:30 से 9:00 बजे तक राहु काल होता है, जबकि मंगलवार को दोपहर 3:00 से 4:30 बजे तक।

संबंध बनाने के लिए राहु काल के समय को पूरी तरह से टालना चाहिए। इस समय संबंध बनाने से जोड़ों के बीच तनाव और मनमुटाव हो सकता है।

रात के किस पहर को माना जाता है सबसे शुभ?

ज्योतिष के अनुसार, रात के प्रथम प्रहर (सूर्यास्त के बाद का पहला तीन घंटे) को संबंध बनाने के लिए सबसे शुभ माना जाता है। इस समय शरीर और मन दोनों ही शांत और तनावमुक्त होते हैं। इसके अलावा, रात का दूसरा प्रहर (10:00 बजे से 1:00 बजे तक) भी संबंध बनाने के लिए उत्तम माना जाता है।

हालांकि, रात के अंतिम प्रहर (3:00 बजे से सूर्योदय तक) को संबंध बनाने के लिए अशुभ माना जाता है। इस समय शरीर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है, जो संबंधों के लिए हानिकारक हो सकता है।

संबंध बनाने के लिए अन्य ज्योतिषीय टिप्स

1. शुक्र ग्रह को मजबूत करें: शुक्र ग्रह प्रेम और संबंधों के कारक हैं। शुक्र ग्रह को मजबूत करने के लिए शुक्रवार के दिन सफेद कपड़े पहनें और सफेद फूलों से शुक्र देव की पूजा करें।
2. चंद्रमा को शांत रखें: चंद्रमा मन और भावनाओं को प्रभावित करता है। चंद्रमा को शांत रखने के लिए रोजाना चंद्र मंत्र “ॐ सोम सोमाय नमः” का जाप करें।
3. अशुभ समय से बचें: राहु काल और अशुभ नक्षत्रों के समय संबंध बनाने से बचें।

सही समय और दिन का चुनाव क्यों है जरूरी?

ज्योतिष के अनुसार संबंध बनाने के लिए सही समय और दिन का चुनाव करना बेहद जरूरी है। यह न केवल जोड़ों के बीच प्रेम और आकर्षण को बढ़ाता है, बल्कि वैवाहिक जीवन में सुख-शांति भी लाता है। पाप की घड़ी और अशुभ समय से बचकर आप अपने रिश्ते को और भी मजबूत बना सकते हैं।

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