हाइलाइट्स:
- शिवसेना नेता संजय राउत ने बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर दिया बड़ा बयान।
- उन्होंने संगठनों पर दंगों को बढ़ावा देने और युवाओं को भड़काने का आरोप लगाया।
- बयान के बाद सियासी माहौल गरमाया, भाजपा और हिंदू संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी।
- संजय राउत ने अपने बयान का बचाव करते हुए कहा कि यह उनके निजी अनुभव पर आधारित है।
- राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह बयान आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर दिया गया है।
नई दिल्ली:शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रमुख नेता और राज्यसभा सांसद संजय राउत ने एक बार फिर विवादास्पद बयान देकर सियासी हलचल बढ़ा दी है। उन्होंने बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर निशाना साधते हुए कहा कि “इन संगठनों का एक ही काम रह गया है – दंगे करवाना, मस्जिदों पर हमले करना और हिंदू युवाओं को भड़काना।” उनके इस बयान के बाद राजनीतिक माहौल गरमा गया है।
संजय राउत के बयान पर मचा बवाल
संजय राउत ने अपने बयान में कहा कि पिछले कुछ वर्षों में इन संगठनों की गतिविधियाँ संदेहजनक रही हैं और उनका मुख्य उद्देश्य समाज में अशांति फैलाना रह गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि ये संगठन धर्म के नाम पर देश को विभाजित कर रहे हैं और युवाओं को गलत दिशा में प्रेरित कर रहे हैं।
इस बयान के बाद भाजपा और हिंदू संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। भाजपा नेताओं ने इसे “राजनीतिक स्टंट” करार दिया है और राउत पर “हिंदू विरोधी मानसिकता” अपनाने का आरोप लगाया है।
भाजपा और हिंदू संगठनों की प्रतिक्रिया
बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद के नेताओं ने संजय राउत के इस बयान को “देशद्रोही” करार देते हुए कहा कि शिवसेना नेता का यह बयान हिंदू धर्म और राष्ट्रवाद के खिलाफ है। VHP के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा, “संजय राउत जैसे नेता केवल राजनीति चमकाने के लिए इस तरह के बयान देते हैं। उन्हें देश की वास्तविकता समझनी चाहिए।”
वहीं, भाजपा नेता संबित पात्रा ने कहा, “यह बयान साफ दर्शाता है कि संजय राउत और उनकी पार्टी को हिंदू संस्कृति और संगठनों से दिक्कत है। वे केवल तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे हैं।”
संजय राउत ने अपने बयान का दिया स्पष्टीकरण
विवाद बढ़ने के बाद संजय राउत ने अपने बयान का बचाव किया और कहा कि यह उनकी व्यक्तिगत राय है और उनके अनुभवों पर आधारित है। उन्होंने कहा, “मैंने जो भी कहा है, वह तथ्यों पर आधारित है। अगर किसी को लगता है कि मैंने गलत कहा है, तो वे सबूत पेश करें।”
राजनीतिक विश्लेषकों की राय
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि संजय राउत का यह बयान आगामी चुनावों के मद्देनज़र दिया गया है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक अरविंद मिश्रा के अनुसार, “शिवसेना (उद्धव गुट) अपनी खोई हुई राजनीतिक ज़मीन वापस पाने की कोशिश कर रही है और इसके लिए भाजपा और हिंदू संगठनों पर हमले कर रही है। यह बयान उसी रणनीति का हिस्सा है।”
क्या होगा आगे?
संजय राउत के बयान के बाद भाजपा और शिवसेना (उद्धव गुट) के बीच तल्खी और बढ़ सकती है। वहीं, हिंदू संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर संजय राउत अपने बयान पर माफी नहीं मांगते हैं, तो वे उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने पर विचार कर सकते हैं।
संजय राउत का यह बयान निश्चित रूप से राजनीतिक हलकों में बड़ी हलचल मचा चुका है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में इस पर और क्या प्रतिक्रियाएँ सामने आती हैं और क्या यह बयान आगामी चुनावों को प्रभावित करेगा।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. संजय राउत ने बजरंग दल, VHP और RSS के खिलाफ क्या कहा?
संजय राउत ने आरोप लगाया कि ये संगठन दंगे करवाने, मस्जिदों पर हमले करने और हिंदू युवाओं को भड़काने का काम कर रहे हैं।
2. भाजपा ने संजय राउत के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
भाजपा ने इस बयान की निंदा करते हुए इसे राजनीतिक स्टंट करार दिया और कहा कि यह हिंदू विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
3. क्या संजय राउत अपने बयान पर कायम हैं?
जी हां, संजय राउत ने अपने बयान का बचाव किया है और कहा कि यह उनके अनुभव पर आधारित है।
4. क्या इस बयान से आगामी चुनावों पर असर पड़ेगा?
राजनीतिक विशेषज्ञों के अनुसार, यह बयान आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर दिया गया है और इससे राजनीतिक ध्रुवीकरण संभव है।
5. क्या हिंदू संगठन संजय राउत के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे?
बजरंग दल और VHP ने चेतावनी दी है कि वे इस बयान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई पर विचार कर रहे हैं।