शाहरुख खान

शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ को कोटा कोर्ट ने किया तलब, भ्रामक विज्ञापन का आरोप

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कोटा: राजस्थान के कोटा जिले की जिला उपभोक्ता अदालत ने बॉलीवुड के तीन प्रमुख अभिनेताओं—शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ—को पान मसाला विज्ञापन में ‘केसर का दम’ का भ्रामक दावा करने के आरोप में नोटिस जारी किया है। अदालत ने इस मामले में सभी को 21 अप्रैल तक जवाब देने का निर्देश दिया है। इस नोटिस के तहत पान मसाला कंपनी के मालिकों को भी अदालत में पेश होने को कहा गया है।

क्या है मामला?

यह शिकायत कोटा के सामाजिक कार्यकर्ता इंद्र मोहन सिंह हनी ने दर्ज करवाई है। उन्होंने आरोप लगाया है कि शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ जिस पान मसाला का विज्ञापन कर रहे हैं, उसमें ‘केसर’ होने का दावा किया गया है, जो पूरी तरह भ्रामक है। शिकायतकर्ता के अनुसार, केसर की कीमत लाखों रुपये प्रति किलोग्राम होती है, और ऐसे में इसकी मौजूदगी पान मसाला जैसे सस्ते उत्पाद में संदेहजनक है।

शिकायतकर्ता के वकील विवेक नंदवाना का कहना है कि पान मसाला एक तंबाकू उत्पाद है और इसके सेवन से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ऐसे में बड़े बॉलीवुड सितारों द्वारा इसका विज्ञापन करना समाज के लिए गलत संदेश भेजता है। उन्होंने यह भी कहा कि विज्ञापन में केसर की वास्तविक मात्रा और उसकी शुद्धता को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं दिया गया है, जिससे यह भ्रामक प्रचार की श्रेणी में आता है।

अदालत का फैसला और कानूनी पहलू

कोटा की जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए सभी प्रतिवादियों को समन जारी किया है। अदालत ने कहा है कि यह मामला उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के तहत आता है, जिसके अंतर्गत भ्रामक विज्ञापन और उपभोक्ताओं को गुमराह करने के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। यदि इन सितारों और कंपनी को दोषी पाया जाता है, तो उन पर भारी जुर्माना लग सकता है और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

भारतीय विज्ञापन मानक परिषद (ASCI) के दिशा-निर्देशों के अनुसार, विज्ञापनों में किए गए सभी दावों का वैज्ञानिक प्रमाण होना चाहिए। किसी भी विज्ञापन के जरिए उपभोक्ताओं को भ्रमित करना या किसी गलत सूचना का प्रचार करना कानूनन अपराध है। यदि अदालत में यह साबित हो जाता है कि पान मसाला विज्ञापन में केसर को लेकर किया गया दावा झूठा है, तो यह ब्रांड और इससे जुड़े सितारों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।

सेलिब्रिटीज पर लगातार उठ रहे सवाल

यह पहली बार नहीं है जब बॉलीवुड हस्तियों पर पान मसाला या तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन को लेकर सवाल उठे हैं। इससे पहले भी कई बार स्वास्थ्य संगठनों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इन विज्ञापनों पर नाराजगी जताई है।

  • कुछ समय पहले अमिताभ बच्चन ने एक पान मसाला ब्रांड के साथ अपना अनुबंध समाप्त कर दिया था, जब इस पर विवाद बढ़ा था।
  • अक्षय कुमार को भी तंबाकू उत्पाद के विज्ञापन में शामिल होने पर आलोचना झेलनी पड़ी थी, जिसके बाद उन्होंने माफी मांगते हुए इससे अपना नाम वापस ले लिया था।
  • रणवीर सिंह और ऋतिक रोशन जैसे कई अन्य सितारे भी इस प्रकार के विज्ञापनों से जुड़े रहे हैं, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा है।

युवाओं पर प्रभाव और स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि पान मसाला जैसे उत्पाद कैंसर सहित कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इन उत्पादों में निकोटीन, तंबाकू और हानिकारक रसायन होते हैं, जो लंबे समय तक सेवन करने से मुंह और गले के कैंसर का खतरा बढ़ा सकते हैं।

बॉलीवुड सितारों का इन उत्पादों का प्रचार करना युवाओं के लिए एक गलत संदेश हो सकता है। चूंकि ये अभिनेता लाखों लोगों के आदर्श होते हैं, उनके विज्ञापनों का सीधा असर लोगों की आदतों पर पड़ता है।

राष्ट्रीय तंबाकू उन्मूलन संगठन (NTCP) के अनुसार, पान मसाला और अन्य तंबाकू उत्पादों के सेवन से हर साल लाखों लोग कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का शिकार होते हैं। इसलिए, सरकार और उपभोक्ता संगठनों को इन भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।

क्या हो सकते हैं इसके परिणाम?

यदि अदालत में इन सितारों और ब्रांड को दोषी पाया जाता है, तो इससे सेलिब्रिटी विज्ञापन इंडस्ट्री में एक नई मिसाल कायम होगी। इससे भविष्य में अन्य सितारों को ऐसे उत्पादों के प्रचार से पहले सोचने पर मजबूर होना पड़ेगा। यह मामला न केवल कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज में जागरूकता फैलाने के लिए भी एक मिसाल बन सकता है।

शाहरुख खान, अजय देवगन और टाइगर श्रॉफ जैसे बड़े सितारों को पान मसाला जैसे उत्पादों के विज्ञापन से बचना चाहिए। इनका प्रचार न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, बल्कि यह युवाओं को गलत दिशा में ले जा सकता है। कोटा कोर्ट द्वारा जारी यह नोटिस एक महत्वपूर्ण कदम है जो यह दर्शाता है कि अब भ्रामक विज्ञापनों को हल्के में नहीं लिया जाएगा।

यह देखना दिलचस्प होगा कि अदालत का अगला फैसला क्या होगा और इससे भारतीय विज्ञापन उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा। क्या बॉलीवुड सितारे भविष्य में ऐसे विज्ञापनों से दूरी बनाएंगे? या फिर यह सिलसिला यूं ही चलता रहेगा? इन सभी सवालों के जवाब आने वाले समय में अदालत के फैसले से मिल सकते हैं।

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