हाइलाइट्स:
– वाराणसी बालिका रेप केस ने एक बार फिर नाबालिगों के प्रति बढ़ते अपराधों पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
– आरोपी विनोद (40) पीड़िता के परिवार का करीबी था और बच्ची उसे ‘बड़े पापा’ कहकर पुकारती थी।
– घटना क्रिश्चियन कब्रिस्तान में घटी, जहाँ आरोपी ने बच्ची को बेहोश कर दिया।
– पालतू कुत्ते ने बच्ची को ढूंढकर परिवार को सतर्क किया।
– पुलिस आरोपी की तलाश में जुटी है, जबकि स्थानीय लोगों ने कड़ी कार्रवाई की मांग की।
वाराणसी बालिका रेप केस: घटना की पूरी जानकारी
क्या हुआ था?
वाराणसी के एक मध्यमवर्गीय परिवार की 5 साल की मासूम बच्ची के साथ वाराणसी बालिका रेप केस में जो हुआ, वह किसी दुःस्वप्न से कम नहीं। 12 अप्रैल की शाम जब बच्ची घर के बाहर खेल रही थी, तो आरोपी विनोद ने उसे गोद में उठाकर नजदीकी कब्रिस्तान में ले गया। वहाँ उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और बेहोश छोड़कर फरार हो गया।
परिवार का दर्द
पीड़िता की माँ ने बताया, “विनोद मेरे पति का दोस्त था। हमने कभी नहीं सोचा था कि वह हमारी बेटी को ‘बड़े पापा’ कहने वाली इस मासूम का दुश्मन निकलेगा।”
कुत्ते ने बचाई जान
घटना के बाद परिवार का पालतू कुत्ता बच्ची को ढूंढ़ते हुए कब्रिस्तान तक पहुँचा और जोर-जोर से भौंककर मदद बुलाई। इसी के बाद बच्ची को अस्पताल ले जाया गया।
वाराणसी बालिका रेप केस: सामाजिक और कानूनी पहलू
पुलिस की कार्रवाई
वाराणसी पुलिस ने वाराणसी बालिका रेप केस में POCSO एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी की तलाश के लिए स्पेशल टीम गठित की गई है।
समाज की जिम्मेदारी
– बाल सुरक्षा: इस वाराणसी बालिका रेप केस ने बच्चों के प्रति सजगता की जरूरत को रेखांकित किया है।
– मानसिक स्वास्थ्य: पीड़िता के परिवार को काउंसिलिंग की आवश्यकता है।
क्या बदलेगा?
वाराणसी बालिका रेप केस जैसी घटनाएँ समाज को झकझोर देती हैं। आरोपी की शीघ्र गिरफ्तारी और कड़ी सजा ही इस मासूम को न्याय दिला सकती है।