वक्फ संशोधन

वक्फ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ लखनऊ में मौलाना कल्बे जव्वाद का बड़ा विरोध प्रदर्शन, बोले- लाखों मंदिर सरकारी ज़मीन पर बने हैं, किसी के पास उनका वक्फनामा है?

Latest News

लखनऊ। वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर देशभर में विरोध की लहर जारी है। इसी क्रम में राजधानी लखनऊ में शुक्रवार को मशहूर शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने इस विधेयक के खिलाफ़ बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना है कि सरकार वक्फ संपत्तियों को लेकर दोहरा रवैया अपना रही है और केवल मुस्लिम समाज से ही उनके संपत्ति के कागजात मांगे जा रहे हैं। जबकि लाखों मंदिर सरकारी जमीन पर बने हैं, लेकिन किसी के पास उनका वक्फनामा नहीं है।

वक्फ संपत्ति को लेकर दोहरा रवैया: मौलाना कल्बे जव्वाद

मौलाना कल्बे जव्वाद ने शुक्रवार को लखनऊ के इमामबाड़ा गुफरान मआब के बाहर हजारों समर्थकों के साथ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों पर निशाना साधते हुए कहा कि,

“देशभर में लाखों मंदिर और धार्मिक स्थल सरकारी जमीनों पर बने हुए हैं। क्या सरकार के पास उनका कोई वक्फनामा है? नहीं। फिर मुस्लिम समाज से ही उनकी वक्फ संपत्तियों के दस्तावेज क्यों मांगे जा रहे हैं?”

मौलाना ने कहा कि सरकार केवल मुस्लिम संपत्तियों को निशाना बना रही है और वक्फ संपत्तियों को अधिग्रहित करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने इसे सरकार द्वारा मुस्लिम समाज पर अत्याचार करार दिया।

क्या है वक्फ संशोधन विधेयक 2023?

वक्फ संशोधन विधेयक 2023 केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किया गया एक महत्वपूर्ण विधेयक है, जिसमें वक्फ संपत्तियों के मामलों में पारदर्शिता और नियमन के लिए कई प्रावधान किए गए हैं। इसके अनुसार, अब सरकार के पास यह अधिकार होगा कि वह वक्फ संपत्तियों का विवरण मांगे और यदि किसी संपत्ति के दस्तावेज अधूरे पाए जाते हैं, तो वह संपत्ति सरकार के अधीन मानी जाएगी।

मौलाना कल्बे जव्वाद सहित कई मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह विधेयक सीधे तौर पर मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है और उनकी संपत्तियों को जबरन छीनने की साजिश है।

क्या वाकई वक्फ संपत्तियों पर निशाना साध रही है सरकार?

मौलाना कल्बे जव्वाद ने विरोध प्रदर्शन के दौरान कहा कि,

“अगर सरकार के पास लाखों मंदिरों और धार्मिक स्थलों का वक्फनामा है तो दिखाए। लेकिन ऐसा नहीं है। फिर मुस्लिम समाज से ही क्यों उनके दस्तावेज मांगे जा रहे हैं?”

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार एक सोची-समझी साजिश के तहत मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को अपने कब्जे में लेने का प्रयास कर रही है। उन्होंने जनता से अपील की कि वे इस कानून के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करें।

हजारों लोगों ने किया समर्थन

लखनऊ के इमामबाड़ा गुफरान मआब के बाहर हुए इस विरोध प्रदर्शन में हजारों की संख्या में लोग मौलाना कल्बे जव्वाद के समर्थन में इकट्ठा हुए। प्रदर्शन के दौरान मौलाना ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि अगर यह कानून पास हो गया, तो देशभर के मुसलमानों की संपत्तियों को जबरन हड़पने का रास्ता साफ हो जाएगा।

उन्होंने यह भी कहा कि,

“हम इस कानून के खिलाफ पूरी ताकत से लड़ेंगे और अपनी संपत्तियों को बचाने के लिए हर संभव कानूनी कदम उठाएंगे।”

सरकार को स्पष्ट करना चाहिए अपनी मंशा

मौलाना कल्बे जव्वाद ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि वे स्पष्ट करें कि आखिर इस वक्फ संशोधन विधेयक के पीछे उनका उद्देश्य क्या है।

उन्होंने कहा कि यदि सरकार का इरादा न्यायपूर्ण है, तो उन्हें सभी धार्मिक स्थलों के संपत्ति दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए। लेकिन केवल मुस्लिम समाज को टारगेट करना इस बात का संकेत है कि सरकार की मंशा साफ नहीं है।

क्या कहते हैं कानूनी विशेषज्ञ?

वक्फ संशोधन विधेयक पर कानूनी विशेषज्ञों की भी मिली-जुली प्रतिक्रिया है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह कानून पारदर्शिता लाने के लिए आवश्यक है, जबकि अन्य इसे अल्पसंख्यक विरोधी बताते हैं।

वकील सलीम खान ने कहा:

“विधेयक के अनुसार, यदि किसी वक्फ संपत्ति के दस्तावेज अधूरे होते हैं, तो सरकार उसे अपने अधीन कर सकती है। लेकिन सवाल यह है कि क्या सरकार ऐसा ही रुख अन्य धार्मिक स्थलों के लिए भी अपनाएगी?”

मौलाना ने क्या कहा अंत में?

प्रदर्शन के अंत में मौलाना कल्बे जव्वाद ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि यह विधेयक वापस नहीं लिया गया तो देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि मुस्लिम समाज अपनी संपत्तियों की रक्षा के लिए सड़क से संसद तक संघर्ष करेगा।

मौलाना ने केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वे सभी धार्मिक स्थलों के साथ एक समान व्यवहार करें और केवल मुस्लिम संपत्तियों को निशाना न बनाएं।

क्या वक्फ संशोधन विधेयक न्यायसंगत है?

वक्फ संशोधन विधेयक 2023 को लेकर देशभर में विरोध के स्वर तेज हो रहे हैं। मौलाना कल्बे जव्वाद ने इस विधेयक को मुस्लिम समाज के खिलाफ करार देते हुए बड़ा विरोध प्रदर्शन किया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि केंद्र सरकार इस मामले पर क्या रुख अपनाती है।

यदि सरकार वास्तव में निष्पक्षता बरतती है तो उन्हें सभी धार्मिक स्थलों के दस्तावेजों की जांच करनी चाहिए, न कि केवल वक्फ संपत्तियों को निशाना बनाना चाहिए।

FAQ (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

1. वक्फ संशोधन विधेयक 2023 क्या है?

उत्तर: वक्फ संशोधन विधेयक 2023 एक प्रस्तावित कानून है, जिसमें वक्फ संपत्तियों के विवरण और दस्तावेजों को लेकर अधिक पारदर्शिता लाने का प्रयास किया गया है। लेकिन इसे मुस्लिम विरोधी कानून बताया जा रहा है।

2. मौलाना कल्बे जव्वाद ने विरोध क्यों किया?

उत्तर: मौलाना कल्बे जव्वाद का मानना है कि यह विधेयक मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों को हड़पने का एक सोचा-समझा प्रयास है, जबकि अन्य धार्मिक स्थलों के दस्तावेजों की कोई जांच नहीं की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *