योगी सरकार का 2025-26 बजट

योगी सरकार का 2025-26 बजट: अल्पसंख्यक कल्याण के लिए ₹2400 करोड़, शिक्षा, स्वास्थ्य और विकास को बढ़ावा

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उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 8,08,736 करोड़ रुपये का ऐतिहासिक बजट पेश किया है, जो राज्य के अब तक के सबसे बड़े बजट के रूप में दर्ज हुआ है। इस बजट में अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण के लिए विशेष ध्यान दिया गया है, जिसमें उनके विकास और सशक्तिकरण के लिए महत्वपूर्ण प्रावधान शामिल हैं।

अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बजट प्रावधान

बजट में अल्पसंख्यक छात्र-छात्राओं की शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए 365 करोड़ रुपये की राशि छात्रवृत्ति के रूप में आवंटित की गई है। इस पहल का उद्देश्य अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित करना और उनकी आर्थिक सहायता करना है।

शिक्षा क्षेत्र में निवेश

शिक्षा के क्षेत्र में, सरकार ने कुल बजट का 13% हिस्सा, यानी 1,06,360 करोड़ रुपये, शिक्षा विभाग के लिए निर्धारित किया है। यह प्रावधान राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और शैक्षिक ढांचे को सुदृढ़ करने के लिए किया गया है।

ऊर्जा और स्वास्थ्य क्षेत्र में आवंटन

ऊर्जा और बिजली क्षेत्र के लिए 61,070.91 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे राज्य में ऊर्जा आपूर्ति को मजबूत किया जा सके। स्वास्थ्य क्षेत्र में, चिकित्सा सेवाओं के लिए 50,550 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो कुल बजट का 6% है। इससे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा।

कानून व्यवस्था और बुनियादी ढांचे के लिए बजट

कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए 40,868 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है, जबकि सार्वजनिक निर्माण विभाग के लिए 36,855 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं। इन प्रावधानों का उद्देश्य राज्य में बुनियादी ढांचे के विकास और नागरिक सुरक्षा को मजबूत करना है।

नमामि गंगे योजना और शहरी विकास

नमामि गंगे योजना के तहत गंगा नदी की सफाई और संरक्षण के लिए 25,459 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। शहरी विकास विभाग के लिए 25,308 करोड़ रुपये और ग्रामीण विकास विभाग के लिए 25,014 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिससे शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।

उद्योग और पंचायती राज विभाग

भारी और मध्यम उद्योगों के लिए 23,999 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जो राज्य में औद्योगिक विकास को गति देगा। पंचायती राज विभाग के लिए 19,174 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय स्वशासन को सुदृढ़ किया जा सके।

परिवहन और अन्य महत्वपूर्ण घोषणाएं

परिवहन विभाग के लिए 1,406 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया है, जिससे राज्य में यातायात सुविधाओं में सुधार होगा। इसके अतिरिक्त, सरकार ने 12वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली छात्राओं को मुफ्त स्कूटी प्रदान करने, युवाओं को ब्याज मुक्त ऋण देने, और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के तहत सभी जिलों में कोचिंग संस्थान स्थापित करने की घोषणा की है।

किसानों और पशुपालन के लिए प्रावधान

किसानों को आवारा पशुओं से होने वाली समस्याओं से निजात दिलाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। इस राशि का उपयोग बड़े गोवंश संरक्षण केंद्रों की स्थापना और पशुओं की टैगिंग के लिए किया जाएगा, जिससे किसानों की फसलों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।

विपक्ष की प्रतिक्रिया

बजट पेश होने के बाद, विपक्षी दलों ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने बजट को जुमलों का पुलिंदा बताया, जबकि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने इसे मध्यम वर्ग के तुष्टीकरण वाला बजट करार दिया।

योगी आदित्यनाथ सरकार का यह बजट राज्य के समग्र विकास, अल्पसंख्यक समुदाय के कल्याण, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, और बुनियादी ढांचे के सुदृढ़ीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार की इन पहलों से उत्तर प्रदेश के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार की उम्मीद है।

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