भजनलाल शर्मा

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को दौसा जेल से मिली जान से मारने की धमकी, सुरक्षा पर उठे गंभीर सवाल

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जयपुर, 23 फरवरी 2025 – राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को जान से मारने की धमकी मिलने की खबर से हड़कंप मच गया है। हैरान करने वाली बात यह है कि यह धमकी दौसा जिले की श्यालावास सेंट्रल जेल से दी गई, जहां से पहले भी इस तरह की घटनाएं सामने आ चुकी हैं।

मुख्यमंत्री को मिली धमकी के बाद पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गए हैं, और जेल में एक बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया गया है। इस घटना ने राजस्थान में जेलों की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कैसे मिलीमुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को धमकी?

शुक्रवार रात 12:45 बजे जयपुर पुलिस कंट्रोल रूम में एक कॉल आई, जिसमें मुख्यमंत्री को रात 12 बजे से पहले मारने की धमकी दी गई। पुलिस जांच में सामने आया कि यह कॉल दौसा सेंट्रल जेल से की गई थी।

धमकी देने वाले की पहचान रिंकू के रूप में हुई है, जो पॉक्सो एक्ट के तहत आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए जेल में तलाशी अभियान चलाया और वह मोबाइल फोन बरामद कर लिया जिससे यह कॉल की गई थी।

पहले भी मिल चुकी है मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को धमकी

यह पहली बार नहीं है जब जेल से मुख्यमंत्री को धमकी दी गई हो। पिछले साल जुलाई 2024 में जयपुर सेंट्रल जेल से इसी तरह की धमकी दी गई थी, जिसके बाद जेल प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई थी।

उस समय पुलिस ने जेल अधीक्षक कैलाश दरोगा, जेलर बिहारी लाल और मुख्य प्रहरी अवधेश कुमार को निलंबित कर दिया था। लेकिन ताजा घटना से साफ हो गया है कि जेलों में सुरक्षा को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है।

जेल सुरक्षा पर गंभीर सवाल

इस घटना ने जेल सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य की जेलों में बंद अपराधियों तक मोबाइल फोन और अन्य प्रतिबंधित वस्तुएं आसानी से पहुंच जाती हैं, जिससे वे बाहरी दुनिया के संपर्क में रहते हैं और गंभीर अपराधों को अंजाम देने की साजिश रचते रहते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, जेलों में स्टाफ की कमी, भ्रष्टाचार और तकनीकी संसाधनों की अनुपलब्धता के कारण सुरक्षा व्यवस्था कमजोर बनी हुई है।

जेल प्रशासन की नाकामी

पुलिस जांच में यह सामने आया है कि जेल में बंद कई कैदी मोबाइल फोन का उपयोग कर रहे हैं। सवाल उठता है कि आखिर यह मोबाइल फोन जेल के अंदर पहुंच कैसे रहे हैं?

यह जेल कर्मचारियों की मिलीभगत की ओर इशारा करता है, जिसे रोकने के लिए सरकार को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।

पुलिस की कार्रवाई

धमकी मिलने के तुरंत बाद, जयपुर पुलिस ने एएसपी गुरु शरण राव और डीएसपी चारुल गुप्ता के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की और जेल में तलाशी अभियान चलाया।

इस दौरान पुलिस को कई मोबाइल फोन और अन्य अवैध वस्तुएं बरामद हुईं। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि आखिर ये मोबाइल फोन जेल के अंदर कैसे पहुंचे और इसमें कौन-कौन लोग शामिल हैं।

पुलिस ने कहा कि आरोपी रिंकू के खिलाफ नई धाराओं में मामला दर्ज कर उसे अलग सेल में शिफ्ट कर दिया गया है।

राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ

इस घटना के बाद राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ गया है।

विपक्षी दलों ने सरकार पर जेलों की लचर व्यवस्था को लेकर निशाना साधा है।

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कहा,
“राजस्थान सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में पूरी तरह विफल रही है। जब मुख्यमंत्री को ही जेल से धमकियां मिल रही हैं, तो आम जनता की सुरक्षा का क्या होगा?”

वहीं, भाजपा प्रवक्ता ने कहा,
“राज्य सरकार इस घटना को बहुत गंभीरता से ले रही है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और जेलों की सुरक्षा को और मजबूत किया जाएगा।”

जेल सुरक्षा में सुधार की जरूरत

राजस्थान में जेल सुरक्षा को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस सुधार देखने को नहीं मिला है।

विशेषज्ञों का कहना है कि जेलों में कड़ी निगरानी, सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने, स्टाफ की भर्ती और नियमित सर्च ऑपरेशन चलाने की आवश्यकता है।

इसके अलावा, जेल प्रशासन में भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे, ताकि कैदियों को बाहरी दुनिया से संपर्क करने का मौका न मिले।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सुरक्षा को लेकर उठाए गए कदम

राजस्थान सरकार ने इस धमकी के बाद मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की सुरक्षा को और मजबूत कर दिया है। अब मुख्यमंत्री की सुरक्षा में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) को भी शामिल किया गया है।

इसके अलावा, मुख्यमंत्री की कॉल मॉनिटरिंग और इंटेलिजेंस रिपोर्टिंग सिस्टम को भी अपडेट किया जा रहा है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को मिली धमकी ने राजस्थान में जेल सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

यदि जेल के अंदर से ही अपराधी इस तरह की धमकियां दे सकते हैं, तो यह सरकार और प्रशासन के लिए एक बड़ा खतरा है।

सरकार को अब जेल सुधार, तकनीकी सुरक्षा उपाय और भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।

इस घटना के बाद पूरे राज्य में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की जरूरत है, ताकि अपराधियों की गतिविधियों पर पूरी तरह से लगाम लगाई जा सके।

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