बेंगलुरु के हेगड़े नगर स्थित एक मदरसे में 11 वर्षीय बच्ची के साथ हुई बर्बरता ने पूरे समाज को झकझोर कर रख दिया है। यह घटना 16 फरवरी 2025 की है, जब मदरसे के कार्यालय में बच्ची को बुलाकर उसके साथ मारपीट की गई। इस क्रूर कृत्य का सीसीटीवी फुटेज सामने आने के बाद मामला प्रकाश में आया।
घटना का विवरण
पीड़िता की मां ने 21 फरवरी को कोठानूर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के अनुसार, उनकी बेटी जुलाई 2024 से मदरसे के हॉस्टल में पांचवीं कक्षा की छात्रा थी। मदरसे के हॉस्टल इंचार्ज का बेटा, मोहम्मद हसन, जो अक्सर हॉस्टल में आता-जाता था, ने बच्ची को कार्यालय में बुलाया और उसके बाल खींचे, थप्पड़ मारे और लातों से पीटा। यह सजा उसे चावल गिराने और अन्य बच्चों के साथ खेलते समय झगड़ा करने के आरोप में दी गई।
पुलिस कार्रवाई
शिकायत मिलने के बाद, कोठानूर पुलिस ने मोहम्मद हसन के खिलाफ जुवेनाइल जस्टिस एक्ट की धारा 75 (बच्चों के साथ क्रूरता की सजा) और भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115 (जानबूझकर चोट पहुँचाना) के तहत मामला दर्ज किया। पुलिस ने पुष्टि की है कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
सीसीटीवी फुटेज और सार्वजनिक प्रतिक्रिया
इस घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कैसे आरोपी बच्ची के साथ बर्बरता कर रहा है। वीडियो में हसन को बच्ची के बाल खींचते, थप्पड़ मारते और लातों से पीटते हुए देखा जा सकता है। इस वीडियो ने समाज में आक्रोश पैदा कर दिया है, और लोग आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
मदरसे की प्रतिक्रिया
मदरसे के प्रशासन ने इस घटना पर अभी तक सार्वजनिक रूप से कोई बयान नहीं दिया है। हालांकि, पुलिस मामले की जांच कर रही है और मदरसे के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है। मदरसे में लगभग 200 छात्र पढ़ते हैं, और यह घटना उनके अभिभावकों में चिंता का विषय बन गई है।
बच्चों की सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अभिभावक अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं और प्रशासन से सख्त कदम उठाने की मांग कर रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
बेंगलुरु के मदरसे में हुई इस घटना ने समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा के लिए और क्या कदम उठाए जा सकते हैं। आवश्यक है कि शैक्षणिक संस्थान अपने परिसर में सुरक्षा उपायों को मजबूत करें और ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करें ताकि बच्चों का भविष्य सुरक्षित रह सके।