भारत ने तकनीकी क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाते हुए अपना पहला पूरी तरह से डिज़ाइन और निर्मित लैपटॉप पेश किया है। केंद्रीय रेलवे और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस लैपटॉप का अनावरण किया, जो भारत सरकार की महत्वाकांक्षी मेक इन इंडिया पहल के अनुरूप है। इस पहल का उद्देश्य घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देना और आयात पर निर्भरता कम करना है। मंत्री वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक वीडियो शेयर करते हुए इस उपलब्धि का जश्न मनाया, जिसने देशभर में गर्व की लहर पैदा कर दी।
भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में एक मील का पत्थर
यह लैपटॉप, जो पूरी तरह से भारत में डिज़ाइन और निर्मित है, देश की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षमता में एक बड़ी छलांग का प्रतीक है। मंत्री वैष्णव ने वीडियो में इस डिवाइस को प्रदर्शित किया और इसे हार्डवेयर विकास और नवाचार में भारत की बढ़ती विशेषज्ञता का प्रमाण बताया। उन्होंने कहा, “इसे भारत में डिज़ाइन किया गया और भारत में बनाया गया,” जो भारतीय इंजीनियरों और निर्माताओं के सामूहिक प्रयासों को दर्शाता है।
वीडियो में VVDN टेक्नोलॉजीज के सीईओ पुनीत अग्रवाल भी दिखाई दिए, जो एक प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण और उत्पाद इंजीनियरिंग कंपनी हैं। अग्रवाल ने लैपटॉप के एंड-टू-एंड विकास प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी, जिसमें डिज़ाइन, प्रोटोटाइपिंग से लेकर बड़े पैमाने पर उत्पादन तक सभी चरण शामिल हैं। उन्होंने डिवाइस के प्रमुख घटकों, जैसे ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट (GPU), मदरबोर्ड और अन्य विशिष्ट हार्डवेयर के बारे में विस्तार से बताया। वीडियो में उस फैक्ट्री की झलक भी दिखाई गई, जहां अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार लैपटॉप का निर्माण किया जा रहा है।
VVDN टेक्नोलॉजीज: भारतीय नवाचार का प्रतीक
VVDN टेक्नोलॉजीज ने भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कंपनी एंड-टू-एंड उत्पाद विकास में माहिर है और डिज़ाइन, प्रोटोटाइपिंग से लेकर बड़े पैमाने पर उत्पादन तक की सेवाएं प्रदान करती है। इस लैपटॉप के निर्माण में कंपनी की भूमिका भारत की वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को उजागर करती है।
हालांकि, लैपटॉप का ब्रांड नाम अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है, लेकिन इस घोषणा ने पहले ही उद्योग जगत में काफी उत्साह पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल भारत में और अधिक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के डिज़ाइन और निर्माण का मार्ग प्रशस्त कर सकती है, जिससे देश की विदेशी तकनीक पर निर्भरता कम होगी और निर्यात क्षमता में वृद्धि होगी।
💻 Designed in India and Made in India. pic.twitter.com/5sCetEAbY4
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) February 26, 2025
मेक इन इंडिया के सपने को साकार करता कदम
इस लैपटॉप का लॉन्च मेक इन इंडिया पहल की सफलता का प्रतीक है, जिसने भारत को वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पिछले एक दशक में, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 2014 में इस क्षेत्र का कुल उत्पादन ₹2.4 लाख करोड़ था, जो 2024 में बढ़कर ₹9.8 लाख करोड़ हो गया है।
सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना ने इस परिवर्तन में अहम भूमिका निभाई है। स्थानीय विनिर्माण में निवेश करने वाली कंपनियों को वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करके, PLI योजना ने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में बड़े निवेश को आकर्षित किया है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, आईटी हार्डवेयर के लिए PLI 2.0 योजना ने लॉन्च के केवल 18 महीनों के भीतर ₹10,000 करोड़ का उत्पादन और 3,900 नौकरियां पैदा की हैं।
रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा
भारत का पहला पूरी तरह से डिज़ाइन और निर्मित लैपटॉप न केवल एक तकनीकी उपलब्धि है, बल्कि यह आर्थिक विकास का भी एक महत्वपूर्ण स्रोत है। घरेलू उत्पादन को प्रोत्साहित करके, यह पहल इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण मूल्य श्रृंखला में हजारों नौकरियां पैदा कर सकती है। यह सरकार के व्यापक लक्ष्य, जैसे आर्थिक विकास और बेरोजगारी को कम करने, के अनुरूप है।
इसके अलावा, इस परियोजना की सफलता अन्य भारतीय कंपनियों को शोध और विकास में निवेश करने के लिए प्रेरित कर सकती है, जिससे देश की नवाचार क्षमता और मजबूत होगी।
तकनीकी आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम
भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षेत्र लंबा सफर तय कर चुका है, जिसमें मोबाइल फोन निर्माण एक उत्कृष्ट उदाहरण है। आज, भारत में उपयोग किए जाने वाले 98% मोबाइल फोन देश में ही बनाए जाते हैं, और स्मार्टफोन देश के चौथे सबसे बड़े निर्यात उत्पाद के रूप में उभरे हैं। भारत में डिज़ाइन और निर्मित लैपटॉप का लॉन्च कंप्यूटिंग उद्योग में इसी तरह की संभावनाओं का संकेत देता है।
यह उपलब्धि भारत के आयातित तकनीक पर निर्भरता कम करने और स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देने के प्रति देश के संकल्प को दर्शाती है। लैपटॉप जैसे उच्च-तकनीकी उत्पादों के डिज़ाइन और निर्माण से भारत न केवल अपनी तकनीकी क्षमताओं को मजबूत कर रहा है, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में भी योगदान दे रहा है।
आगे का रास्ता
हालांकि यह लैपटॉप भारत के लिए गर्व का क्षण है, लेकिन यह शोध, विकास और बुनियादी ढांचे में निरंतर निवेश की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है। इस गति को बनाए रखने के लिए, सरकार को वैश्विक तकनीकी नेताओं के साथ सहयोग करके घरेलू निर्माताओं का समर्थन जारी रखना होगा।
जैसे-जैसे भारत 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, ऐसी पहलें देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी। यह लैपटॉप सिर्फ एक उपकरण नहीं है, बल्कि यह भारत की तकनीकी और विनिर्माण क्षमता का प्रतीक है, और आत्मनिर्भर भविष्य की ओर एक उज्ज्वल संकेत है।
भारत के पहले पूरी तरह से डिज़ाइन और निर्मित लैपटॉप का लॉन्च देश की तकनीकी यात्रा में एक ऐतिहासिक क्षण है। मंत्री अश्विनी वैष्णव और VVDN टेक्नोलॉजीज के नेतृत्व में यह उपलब्धि *मेक इन इंडिया* पहल की सफलता और भारत की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षमता को दर्शाती है। जैसे-जैसे भारत नवाचार और उच्च-तकनीकी उत्पादन में आगे बढ़ेगा, वह इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में वैश्विक नेता बनने की ओर अग्रसर होगा।
यह मील का पत्थर न केवल तकनीकी क्षेत्र के लिए, बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है, जो नवाचार और आत्मनिर्भरता के एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है।