हाइलाइट्स:
- बोर्ड परीक्षा के बाद उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य जोरों पर।
- छात्रों द्वारा कॉपियों में लिखी गई अजीबोगरीब अपीलें सोशल मीडिया पर वायरल।
- कुछ छात्रों ने शादी रुकने की दलील दी तो कुछ ने पार्टी देने का वादा किया।
- परीक्षकों ने बताया कि इस बार कॉपियों में अपीलों की संख्या बढ़ी है।
- यूपी बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाओं में छात्रों की रोचक बातें देखकर टीचर्स भी चकित।
बोर्ड परीक्षा मूल्यांकन के दौरान मजेदार घटनाएं आईं सामने
बोर्ड परीक्षा का आयोजन समाप्त हो चुका है और अब उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन किया जा रहा है। इस दौरान परीक्षक कई अजीबोगरीब अनुभवों से गुजर रहे हैं। उत्तर पुस्तिकाओं में छात्रों द्वारा की गई कुछ अनोखी अपीलें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं, जिनको पढ़कर न केवल परीक्षक बल्कि आम लोग भी हंसी रोक नहीं पा रहे।
मूल्यांकन केंद्रों पर शिक्षक और शिक्षिकाएं तब चौंक गए जब उन्होंने कॉपियों में परीक्षार्थियों की अनोखी गुजारिशें देखीं। कोई खुद की शादी बचाने के लिए पास होने की गुजारिश कर रहा था तो कोई केवल 33% नंबर देकर पार्टी देने का वादा कर रहा था।
जब छात्रों ने लिखी मार्मिक अपीलें
उत्तर पुस्तिकाओं में लिखे गए मजेदार संदेशों की बाढ़ आ गई है। एक छात्रा ने कॉपी में लिखा-
“सर प्लीज मुझे पास कर दीजिए, क्योंकि पैरंट्स भी कहते हैं कि मैं फेल हो जाऊंगी। ऐसे में मुझ पर काफी दबाव है। पास कर देंगे तो आपकी कृपा होगी।”
एक अन्य उत्तर पुस्तिका में लिखा मिला-
“सर, अगर फेल हो गया तो पापा मेरी शादी कर देंगे। इसलिए कृपा करके पास कर दीजिए।”
यह पढ़कर परीक्षक भी असमंजस में पड़ गए कि वे उत्तर पुस्तिका को नंबर दें या इन मार्मिक अपीलों पर विचार करें।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहीं उत्तर पुस्तिकाएं
इस समय सोशल मीडिया पर ऐसे ही कई छात्रों की उत्तर पुस्तिकाएं वायरल हो रही हैं, जिनमें मजेदार अपीलें लिखी हुई हैं। यूपी बोर्ड की एक उत्तर पुस्तिका में एक छात्र ने लिखा-
“सर, अगर पास कर देंगे तो आपको एक शानदार पार्टी दूंगा। बस किसी भी तरह से 33 नंबर दे दीजिए।”
एक अन्य कॉपी में एक छात्रा ने लिखा-
“सर जी, लड़के वाले इंटर पास बहू चाहते हैं। अगर फेल हो गई तो मेरी शादी रुक जाएगी। कृपया पास कर दीजिए।”
टीचर्स भी रह गए दंग
कई शिक्षकों ने कहा कि इस बार छात्रों द्वारा कॉपियों में की गई अपीलें काफी बढ़ गई हैं। परीक्षक इनका उत्तर देने में असमंजस महसूस कर रहे हैं। हालांकि, शिक्षकों का कहना है कि ऐसे संदेश पढ़कर वे थोड़ी देर के लिए मुस्कुरा जरूर देते हैं, लेकिन मूल्यांकन के दौरान निष्पक्षता बनाए रखना आवश्यक होता है।
एक शिक्षिका ने बताया कि:
“मुझे एक कॉपी मिली जिसमें छात्र ने लिखा था कि मां की तबीयत खराब होने के कारण वह पढ़ाई नहीं कर सका। इसलिए कृपया पास कर दें।”
ऐसी भावनात्मक अपीलों को पढ़कर शिक्षक भी सोच में पड़ जाते हैं, लेकिन उनके पास नियमों का पालन करने के अलावा कोई और विकल्प नहीं होता।
बोर्ड परीक्षाओं के दौरान उत्तर पुस्तिकाओं में छात्रों द्वारा लिखे गए यह संदेश न केवल परीक्षा प्रणाली की वास्तविकता को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि कुछ छात्र परीक्षा को गंभीरता से नहीं लेते। मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य होता है कि वे इन भावनात्मक अपीलों से प्रभावित हुए बिना निष्पक्ष रूप से नंबर दें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)
1. छात्रों द्वारा उत्तर पुस्तिकाओं में मजेदार संदेश क्यों लिखे जाते हैं? छात्र कई बार नंबर पाने के लिए परीक्षकों को प्रभावित करने का प्रयास करते हैं, इसलिए वे उत्तर पुस्तिकाओं में मजेदार या भावनात्मक अपीलें लिखते हैं।
2. क्या परीक्षक इन अपीलों को ध्यान में रखते हुए नंबर देते हैं? नहीं, परीक्षक केवल उत्तर पुस्तिका में दिए गए उत्तरों के आधार पर अंक प्रदान करते हैं। भावनात्मक अपीलों का मूल्यांकन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
3. क्या इन उत्तर पुस्तिकाओं का सोशल मीडिया पर वायरल होना सही है? यदि छात्रों की पहचान छिपाई जाती है, तो यह केवल मनोरंजन के रूप में देखा जा सकता है, लेकिन पहचान उजागर करना नैतिक रूप से सही नहीं माना जाता।
4. क्या ऐसे संदेश लिखने से छात्रों को कोई नुकसान हो सकता है? ऐसे संदेश मूल्यांकन पर असर नहीं डालते, लेकिन यह शिक्षकों पर गलत प्रभाव डाल सकते हैं और छात्र की गंभीरता पर सवाल उठा सकते हैं।
5. क्या परीक्षा प्रणाली में कोई सुधार की जरूरत है? परीक्षा प्रणाली को अधिक व्यावहारिक और ज्ञान आधारित बनाने की जरूरत है, ताकि छात्र केवल पास होने के लिए न पढ़ें बल्कि वास्तविक ज्ञान अर्जित करें।