प्रयागराज महाकुंभ में महिलाओं की निजता का उल्लंघन करते हुए स्नान करती महिलाओं के वीडियो बनाकर उन्हें यूट्यूब और टेलीग्राम पर अपलोड करने के गंभीर मामले सामने आए हैं। इस घृणित कृत्य में शामिल प्रयागराज के यूट्यूबर चंद्रप्रकाश फूलचंद सहित तीन लोगों को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया है। अन्य दो आरोपी महाराष्ट्र के लातूर के प्रज्वल अशोक तेली और सांगली के प्रज राजेंद्र पाटिल हैं।
प्रयागराज महाकुंभ में गिरफ्तारी और आरोप
अहमदाबाद साइबर क्राइम डीसीपी लवीना सिन्हा ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि ये आरोपी महाकुंभ में स्नान करती महिलाओं के वीडियो बनाकर उन्हें न केवल अपने चैनलों पर अपलोड कर रहे थे, बल्कि अन्य चैनलों को भी ऊंचे दामों पर बेच रहे थे। चंद्रप्रकाश फूलचंद स्वयं वीडियो बनाता था और उन्हें अपने चैनल पर अपलोड करने के साथ-साथ ऑनलाइन बेचता था। उसके टेलीग्राम चैनल पर 100 से अधिक सब्सक्राइबर हैं।
अस्पतालों के सीसीटीवी हैकिंग का संदेह
जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपियों पर देश के 60-70 अस्पतालों के सीसीटीवी हैक करने का संदेह है। राजकोट के पायल अस्पताल में महिलाओं के चेकअप के वीडियो यूट्यूब पर अपलोड करने के मामले की जांच के दौरान इन आरोपियों की संलिप्तता का खुलासा हुआ। पायल अस्पताल का सीसीटीवी फरवरी-मार्च 2024 में हैक किया गया था, जहां महिलाओं के चेकअप के वीडियो बनाए गए और उन्हें सोशल मीडिया साइटों पर बिक्री के लिए पोस्ट किया गया।
डार्क वेब पर वीडियो की बिक्री
पुलिस को जानकारी मिली है कि महाकुंभ में स्नान करती महिलाओं के वीडियो डार्क वेब पर भी बेचे गए हैं। डार्क वेब पर विभिन्न वीडियो के लिए बोली लगाई गई थी। इसके अलावा, टेलीग्राम चैनलों पर भी इन वीडियो की खरीद-फरोख्त हो रही थी।
सोशल मीडिया पर कार्रवाई
प्रयागराज पुलिस ने इस मामले में 13 एफआईआर दर्ज की हैं और 103 सोशल मीडिया हैंडल्स के खिलाफ कार्रवाई की है। इनमें इंस्टाग्राम, फेसबुक और टेलीग्राम अकाउंट शामिल हैं, जहां आपत्तिजनक वीडियो और तस्वीरें अपलोड की गई थीं। पुलिस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से इन अकाउंट्स की विस्तृत जानकारी मांगी है।
डार्क वेब: एक संक्षिप्त परिचय
डार्क वेब इंटरनेट का वह हिस्सा है जो सामान्य सर्च इंजनों द्वारा एक्सेस नहीं किया जा सकता। यहां अवैध गतिविधियों जैसे मानव तस्करी, ड्रग्स की डील, हथियारों की तस्करी और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए इसका उपयोग किया जाता है। डार्क वेब पर लेन-देन वर्चुअल करेंसी जैसे बिटकॉइन के माध्यम से होते हैं, जिससे ट्रांजैक्शन को ट्रेस करना मुश्किल होता है।
प्रयागराज महाकुंभ में प्रशासन की प्रतिक्रिया
उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि महिलाओं के स्नान करते समय वीडियो बनाने और अपलोड करने के मामलों में अब तक तीन एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं। ऐसे लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। इसके अलावा, महाकुंभ से संबंधित भ्रामक सूचनाएं फैलाने के मामलों में 55 से 60 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, और इन अकाउंट्स के संचालकों की पहचान की जा रही है।
प्रयागराज महाकुंभ में सुरक्षा और निजता की चुनौतियां
महाकुंभ जैसे विशाल धार्मिक आयोजन में करोड़ों श्रद्धालुओं की उपस्थिति होती है, जहां सुरक्षा और निजता सुनिश्चित करना एक बड़ी चुनौती है। इस घटना ने प्रशासन और श्रद्धालुओं के बीच जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता को उजागर किया है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।
महाकुंभ में महिलाओं की निजता का उल्लंघन करने वाले इन आरोपियों की गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन ऐसे घृणित कृत्यों के प्रति सख्त है। आवश्यक है कि श्रद्धालु और समाज मिलकर ऐसे कृत्यों की निंदा करें और सुनिश्चित करें कि धार्मिक आयोजनों की पवित्रता और सम्मान बना रहे।