पिछले सप्ताह टेक दुनिया में कई चौंकाने वाले विकास हुए, जिसमें माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसी बड़ी कंपनियों ने सुर्खियां बटोरीं। क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में नए कीर्तिमान से लेकर कानूनी समझौतों तक, टेक उद्योग तेजी से विकसित हो रहा है। आइए, पिछले सात दिनों की सबसे महत्वपूर्ण खबरों पर एक विस्तृत नजर डालते हैं।
माइक्रोसॉफ्ट ने लॉन्च किया अपना पहला क्वांटम चिप
एक ऐतिहासिक कदम में, माइक्रोसॉफ्ट ने अपना पहला क्वांटम चिप लॉन्च करके क्वांटम कंप्यूटिंग की दौड़ में प्रवेश किया है। इस चिप को “Azure Quantum Elements” नाम दिया गया है, और यह कंपनी की कंप्यूटिंग क्रांति की दिशा में एक बड़ा कदम है। क्वांटम कंप्यूटिंग, जो क्वांटम मैकेनिक्स के सिद्धांतों पर आधारित है, ऐसी जटिल समस्याओं को हल करने का वादा करता है जो वर्तमान में क्लासिकल कंप्यूटरों की पहुंच से बाहर हैं।
माइक्रोसॉफ्ट का यह नया चिप उसके Azure क्लाउड प्लेटफॉर्म के साथ मिलकर काम करेगा, जिससे शोधकर्ताओं और डेवलपर्स को क्वांटम एल्गोरिदम और एप्लिकेशन्स के साथ प्रयोग करने का मौका मिलेगा। माइक्रोसॉफ्ट के अनुसार, यह चिप एक स्केलेबल क्वांटम कंप्यूटर बनाने की उसकी व्यापक रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कंपनी ने क्वांटम डेवलपमेंट के लिए एक नई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज Q# भी पेश की है।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि माइक्रोसॉफ्ट का क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में प्रवेश दवा खोज, जलवायु मॉडलिंग और क्रिप्टोग्राफी जैसे क्षेत्रों में नवाचार को गति दे सकता है। हालांकि, यह तकनीक अभी अपने शुरुआती चरण में है, और व्यावहारिक अनुप्रयोगों को विकसित होने में अभी कई साल लग सकते हैं।
गूगल ने इटली में €306 मिलियन का टैक्स फ्रॉड केस सुलझाया
एक महत्वपूर्ण कानूनी विकास में, गूगल ने इटली के साथ एक लंबे समय से चल रहे टैक्स विवाद को सुलझाने के लिए €306 मिलियन (लगभग 2,700 करोड़ रुपये) का भुगतान करने पर सहमति जताई है। यह मामला गूगल पर इटली में करों से बचने के आरोपों को लेकर था, जिसमें कंपनी ने अपने मुनाफे को आयरलैंड स्थित सहायक कंपनी में स्थानांतरित कर दिया था। यह प्रथा, जिसे “प्रॉफिट शिफ्टिंग” कहा जाता है, बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच आम है।
यह समझौता इटली की कर अधिकारियों द्वारा किए गए वर्षों लंबे अध्ययन का परिणाम है, जिसमें गूगल पर 2009 से 2013 के बीच €1 बिलियन (लगभग 9,000 करोड़ रुपये) की आय घोषित न करने का आरोप लगाया गया था। समझौते के तहत, गूगल ने किसी भी गलत काम को स्वीकार नहीं किया है, लेकिन भविष्य में अपने टैक्स प्रैक्टिस में अधिक पारदर्शिता बनाए रखने का वादा किया है।
यह समझौता यूरोपीय सरकारों द्वारा टेक दिग्गजों पर टैक्स चोरी को रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। पिछले कुछ वर्षों में, एपल, अमेज़न और फेसबुक जैसी कंपनियों को भी इसी तरह की जांच का सामना करना पड़ा है, जिसके परिणामस्वरूप भारी जुर्माना और समझौते हुए हैं।
अन्य महत्वपूर्ण टेक विकास
जहां माइक्रोसॉफ्ट और गूगल ने सुर्खियां बटोरीं, वहीं पिछले सप्ताह कई अन्य टेक खबरें भी चर्चा में रहीं:
1. टेस्ला का फुल सेल्फ-ड्राइविंग बीटा यूरोप में लॉन्च
टेस्ला ने अपना फुल सेल्फ-ड्राइविंग (FSD) बीटा सॉफ्टवेयर यूरोप के चुनिंदा ग्राहकों के लिए लॉन्च किया है। यह कदम कंपनी की स्वायत्त ड्राइविंग महत्वाकांक्षाओं की दिशा में एक बड़ा मील का पत्थर है।
2. मेटा के थ्रेड्स ने 100 मिलियन यूजर्स का आंकड़ा पार किया
मेटा का ट्विटर प्रतिद्वंद्वी, थ्रेड्स, लॉन्च के कुछ ही हफ्तों में 100 मिलियन यूजर्स के आंकड़े को पार कर गया है। ऐप की तेजी से वृद्धि का श्रेय इंस्टाग्राम के साथ इसके एकीकरण और यूजर-फ्रेंडली इंटरफेस को जाता है।
3. एपल के विजन प्रो को उत्पादन में देरी का सामना
एपल के अत्यधिक प्रतीक्षित मिक्स्ड-रियलिटी हेडसेट, विजन प्रो, को उत्पादन में चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिसके कारण इसकी रिलीज डेट 2024 की शुरुआत तक के लिए टल गई है। यह देरी सप्लाई चेन समस्याओं और डिजाइन जटिलताओं के कारण हुई है।
टेक उद्योग के लिए इन विकासों का क्या मतलब है?
माइक्रोसॉफ्ट के क्वांटम चिप का लॉन्च यह दर्शाता है कि टेक्नोलॉजी के भविष्य को आकार देने में क्वांटम कंप्यूटिंग की भूमिका कितनी महत्वपूर्ण है। हालांकि यह तकनीक अभी शुरुआती चरण में है, लेकिन इसकी क्षमता उद्योगों को बदलने और दुनिया की कुछ सबसे बड़ी चुनौतियों को हल करने की है।
वहीं, गूगल का टैक्स समझौता यह दिखाता है कि टेक दिग्गजों पर कानूनी दबाव बढ़ रहा है। जैसे-जैसे दुनिया भर की सरकारें टैक्स चोरी को रोकने के लिए कदम उठा रही हैं, कंपनियों को अधिक पारदर्शी और नैतिक प्रथाओं को अपनाने की आवश्यकता होगी।
पिछला सप्ताह टेक उद्योग की गतिशील और निरंतर विकसित होती प्रकृति का प्रमाण था। नए आविष्कारों से लेकर कानूनी लड़ाइयों तक, ये विकास भविष्य की चुनौतियों और अवसरों को दर्शाते हैं। जहां माइक्रोसॉफ्ट क्वांटम कंप्यूटिंग की सीमाओं को पार कर रहा है, वहीं गूगल वैश्विक कर व्यवस्था की जटिलताओं को नेविगेट कर रहा है।