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जो रोगन का दावा: फौची का प्री-पार्डन राज्य स्तर पर उन्हें मुकदमों से नहीं बचा सकता 

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हाल ही में जो रोगन के मशहूर पॉडकास्ट द जो रोगन एक्सपीरियंस के एक एपिसोड में, उन्होंने डॉ. एंथनी फौची, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एलर्जी एंड इंफेक्शियस डिजीज (NIAID) के पूर्व निदेशक, के बारे में चौंकाने वाले बयान दिए। रोगन ने दावा किया कि हालांकि डॉ. फौची को संघीय स्तर पर “प्री-पार्डन” (पूर्व-क्षमादान) मिल सकता है, लेकिन यह सुरक्षा राज्य स्तर पर लागू नहीं होती। उन्होंने कहा, “फौची को संघीय स्तर पर प्री-पार्डन मिल सकता है, लेकिन राज्य स्तर पर नहीं। राज्य अभी भी उन पर मुकदमा कर सकते हैं। इसके अलावा, जब आपको क्षमादान मिलता है, तो आप पांचवें संशोधन (Fifth Amendment) का हवाला नहीं दे सकते।”

रोगन के ये बयान COVID-19 महामारी के दौरान फौची की भूमिका को लेकर चल रही बहस को और गर्मा देते हैं। फौची, जो इस महामारी के दौरान अमेरिकी सरकार की प्रतिक्रिया के प्रमुख आर्किटेक्ट रहे, अब तक विवादों से घिरे हुए हैं।

 रोगन के बयान का संदर्भ

रोगन ने अपने पॉडकास्ट में कहा कि फौची को संघीय स्तर पर प्री-पार्डन मिल सकता है, लेकिन यह सुरक्षा राज्य स्तर पर लागू नहीं होगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि क्षमादान मिलने के बाद व्यक्ति पांचवें संशोधन का सहारा नहीं ले सकता, जो कि स्वयं को आत्म-अभियोग (self-incrimination) से बचाने का अधिकार है।

रोगन के अनुसार, “मुझे लगता है कि वे फौची को बचाने के लिए कुछ भी करना चाहते हैं क्योंकि उन्हें पता था कि यह आने वाला है।” यह बयान उस समय आया है जब फौची की महामारी के दौरान की गई कार्रवाइयों को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं।

 “प्री-पार्डन” का क्या मतलब है?

“प्री-पार्डन” एक औपचारिक कानूनी शब्द नहीं है, लेकिन इसका उपयोग उस स्थिति को बताने के लिए किया जाता है जहां किसी व्यक्ति को आरोप लगने से पहले ही क्षमादान या सुरक्षा प्रदान की जाती है। फौची के मामले में, रोगन का कहना है कि यह क्षमादान केवल संघीय स्तर पर लागू होगा, जिसका मतलब है कि राज्य स्तर पर उन पर मुकदमा चलाया जा सकता है।

कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि संघीय क्षमादान राज्य स्तर के अपराधों पर लागू नहीं होता। अमेरिकी संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति का क्षमादान अधिकार केवल संघीय अपराधों तक सीमित है। इसलिए, यदि कोई राज्य फौची के खिलाफ कार्रवाई करता है, तो संघीय क्षमादान उन्हें बचा नहीं सकता।

 पांचवें संशोधन का मुद्दा

रोगन ने यह भी बताया कि क्षमादान स्वीकार करने वाला व्यक्ति पांचवें संशोधन का सहारा नहीं ले सकता। यह सिद्धांत 1915 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले बर्डिक बनाम यूनाइटेड स्टेट्स पर आधारित है, जिसमें कहा गया था कि क्षमादान स्वीकार करने का मतलब है अपराध स्वीकार करना।

यदि फौची को संघीय क्षमादान मिलता है, तो वे किसी भी कार्यवाही में पांचवें संशोधन का सहारा नहीं ले सकेंगे। इसका मतलब है कि उन्हें महामारी के दौरान अपनी भूमिका के बारे में खुलकर बयान देना पड़ सकता है, जिससे उन्हें और भी कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है।

 राज्य स्तर पर मुकदमे: क्या यह संभव है?

कई राज्य पहले ही फौची की महामारी प्रतिक्रिया में भूमिका की जांच करने में दिलचस्पी दिखा चुके हैं। उदाहरण के लिए, फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसांटिस ने फौची को संकट के दौरान की गई “गलतियों” के लिए जवाबदेह ठहराने की बात कही है। इसी तरह, टेक्सास और अन्य रिपब्लिकन-नेतृत्व वाले राज्यों ने भी महामारी नीतियों में शामिल संघीय अधिकारियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का संकेत दिया है।

हालांकि, कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे मुकदमों को साबित करना मुश्किल होगा। फौची के खिलाफ गलत काम या लापरवाही साबित करने के लिए ठोस सबूतों की आवश्यकता होगी, और अदालतें महामारी के अभूतपूर्व स्वरूप को ध्यान में रखते हुए उनकी कार्रवाइयों का मूल्यांकन कर सकती हैं।

 जनता की प्रतिक्रिया और राजनीतिक प्रभाव

रोगन के बयान ने फौची की विरासत और सार्वजनिक अधिकारियों की जवाबदेही के मुद्दे पर बहस को फिर से भड़का दिया है। फौची के समर्थकों का कहना है कि वे एक समर्पित सार्वजनिक सेवक थे, जिन्होंने एक वैश्विक स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए अथक प्रयास किए। उनका मानना है कि कानूनी कार्रवाई की मांग राजनीतिक रूप से प्रेरित है और विज्ञान एवं विशेषज्ञता को कमजोर करने का प्रयास है।

वहीं, आलोचकों का मानना है कि रोगन के बयान से उनकी चिंताओं को बल मिला है। उनका कहना है कि सार्वजनिक अधिकारियों को जवाबदेह ठहराना सरकारी संस्थानों में विश्वास बनाए रखने के लिए जरूरी है।

जो रोगन के डॉ. एंथनी फौची के संभावित कानूनी जोखिमों के बारे में दिए गए बयान ने इस बहस को और गहरा कर दिया है। हालांकि संघीय क्षमादान कुछ सुरक्षा प्रदान कर सकता है, लेकिन राज्य स्तर पर मुकदमे अभी भी संभव हैं, और पांचवें संशोधन का सहारा न ले पाने की स्थिति में फौची को और भी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। जैसे-जैसे कानूनी और राजनीतिक परिदृश्य विकसित हो रहा है, एक बात स्पष्ट है: महामारी में फौची की भूमिका को लेकर विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है।

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संदर्भ: 

– अमेरिकी संविधान, अनुच्छेद II, धारा 2

– बर्डिक बनाम यूनाइटेड स्टेट्स, 236 यू.एस. 79 (1915)

– फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डेसांटिस के बयान

– संवैधानिक कानून विशेषज्ञों का विश्लेषण

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