Rajasthan: Video of prisoners' liquor party in Churu sub-jail goes viral

राजस्थान: चूरू उप-जेल में कैदियों की शराब पार्टी का वीडियो वायरल, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल

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राजस्थान की चूरू उप-जेल से एक चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है, जिसमें कैदी जेल के अंदर शराब पार्टी करते हुए दिखाई दे रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिससे जेल प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं।

वायरल वीडियो का विवरण

वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कुछ कैदी जेल की बैरक में बैठकर शराब का सेवन कर रहे हैं। उनके पास शराब की बोतलें और गिलास स्पष्ट रूप से नजर आ रहे हैं। कैदियों के चेहरे पर किसी प्रकार का भय या चिंता नहीं दिख रही, जिससे यह संकेत मिलता है कि जेल के अंदर इस तरह की गतिविधियाँ आम हो सकती हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया

वीडियो के वायरल होने के बाद, जेल प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। चूरू उप-जेल के अधीक्षक ने कहा, “हम इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रहे हैं। संबंधित कैदियों की पहचान की जा रही है, और उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।”

सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने जेल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगा दिए हैं। कैदियों के पास शराब कैसे पहुँची? क्या जेल के अंदर सुरक्षा जांच में लापरवाही बरती जा रही है? इन सवालों के जवाब ढूंढना अब प्रशासन की प्राथमिकता बन गई है।

पूर्व की घटनाएँ

यह पहली बार नहीं है जब राजस्थान की जेलों से इस तरह की खबरें सामने आई हैं। पिछले साल भी जयपुर केंद्रीय जेल में कैदियों के मोबाइल फोन और अन्य प्रतिबंधित वस्तुओं के साथ पकड़े जाने की घटनाएँ सामने आई थीं। इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि जेलों में सुरक्षा और निगरानी प्रणाली में सुधार की आवश्यकता है।

विशेषज्ञों की राय

जेल सुधार विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की घटनाएँ जेल कर्मचारियों और कैदियों के बीच मिलीभगत का परिणाम हो सकती हैं। एक विशेषज्ञ ने कहा, “जब तक जेल कर्मचारियों की जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की जाएगी और नियमित निरीक्षण नहीं होंगे, तब तक इस तरह की घटनाएँ होती रहेंगी।”

संभावित समाधान

जेलों में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  • सख्त निगरानी: जेल परिसर में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाए और उनकी नियमित मॉनिटरिंग की जाए।
  • कर्मचारियों का प्रशिक्षण: जेल कर्मचारियों को नियमित रूप से प्रशिक्षण दिया जाए ताकि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि को पहचान सकें और समय पर कार्रवाई कर सकें।
  • अचानक निरीक्षण: बिना पूर्व सूचना के जेलों का निरीक्षण किया जाए ताकि किसी भी अनियमितता का पता लगाया जा सके।
  • कड़ी सजा: जेल के अंदर इस तरह की गतिविधियों में शामिल पाए जाने वाले कैदियों और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए।

चूरू उप-जेल में कैदियों की शराब पार्टी का वायरल वीडियो न केवल जेल प्रशासन की लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि जेलों में सुधार की कितनी आवश्यकता है। सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना, कर्मचारियों की जवाबदेही तय करना और नियमित निरीक्षण जैसे कदम उठाकर ही इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।

इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि जेलों में सुधार और सख्त निगरानी की आवश्यकता है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएँ न हों।

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