किन्नरों

किन्नरों से संबंध बनाने से होती है ये 7 गंभीर बीमारियाँ, शोध में खुलासे से उड़े लोगों के होश

Health

नई दिल्ली, भारत – हाल ही में एक चौंकाने वाले शोध ने समाज में तहलका मचा दिया है। इस शोध के अनुसार, किन्नरों (ट्रांसजेंडर) के साथ शारीरिक संबंध बनाने से 7 गंभीर बीमारियाँ होने का खतरा बढ़ जाता है। यह अध्ययन स्वास्थ्य विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं के बीच चर्चा का विषय बन गया है, जबकि आम जनता इस खुलासे से हैरान और चिंतित है।

शोध का मुख्य आधार

यह शोध विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के सहयोग से किया गया है। शोधकर्ताओं ने पाया कि किन्नर समुदाय के साथ असुरक्षित शारीरिक संबंध बनाने से कई गंभीर बीमारियाँ फैलने का खतरा बढ़ जाता है। शोध में शामिल विशेषज्ञों का कहना है कि यह जोखिम मुख्य रूप से असुरक्षित यौन संबंध और स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता की कमी के कारण होता है।

किन्नरों पर शोध में सामने आईं 7 गंभीर बीमारियाँ

शोध के अनुसार, किन्नरों के साथ शारीरिक संबंध बनाने से निम्नलिखित 7 बीमारियाँ होने की आशंका बढ़ जाती है:

1. एचआईवी/एड्स

एचआईवी संक्रमण का खतरा किन्नर समुदाय में अधिक पाया गया है। असुरक्षित यौन संबंध इसके प्रसार का मुख्य कारण है।

2. सिफलिस

यह एक गंभीर यौन संचारित रोग (STD) है, जो त्वचा, मस्तिष्क और अन्य अंगों को प्रभावित कर सकता है।

3. गोनोरिया

गोनोरिया भी एक यौन संचारित बीमारी है, जो प्रजनन अंगों को नुकसान पहुँचा सकती है।

4. हेपेटाइटिस बी और सी

ये लिवर को प्रभावित करने वाली गंभीर बीमारियाँ हैं, जो असुरक्षित यौन संबंध के माध्यम से फैल सकती हैं।

5. हर्पीज

हर्पीस सिम्प्लेक्स वायरस (HSV) के कारण होने वाली यह बीमारी त्वचा और मुंह के आसपास घावों का कारण बनती है।

6. ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV)

HPV गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर और जननांग मस्सों का कारण बन सकता है।

7. माइकोप्लाज्मा जेनिटलियम

यह एक नया उभरता हुआ यौन संचारित संक्रमण है, जो प्रजनन स्वास्थ्य को प्रभावित करता है।

शोध के परिणामों पर विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

इस शोध के निष्कर्षों पर स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने गंभीर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। डॉ. अंकित शर्मा, एक प्रसिद्ध यौन रोग विशेषज्ञ, का कहना है, “यह शोध यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। असुरक्षित यौन संबंध न केवल किन्नर समुदाय बल्कि सभी के लिए खतरनाक हो सकते हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि, “इस शोध का उद्देश्य किसी समुदाय को निशाना बनाना नहीं है, बल्कि यौन स्वास्थ्य के प्रति लोगों को शिक्षित करना है।”

समाज पर प्रभाव

इस शोध ने समाज में एक बहस छेड़ दी है। कुछ लोग इसे किन्नर समुदाय के प्रति भेदभाव बताते हैं, जबकि अन्य इसे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का एक आवश्यक कदम मानते हैं। किन्नर अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस तरह के शोध से समुदाय को गलत तरीके से प्रस्तुत किया जा रहा है।

हालाँकि, शोधकर्ताओं ने स्पष्ट किया है कि यह अध्ययन किसी समुदाय को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए किया गया है।

यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की आवश्यकता

इस शोध के बाद यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने की आवश्यकता और अधिक स्पष्ट हो गई है। विशेषज्ञों का कहना है कि असुरक्षित यौन संबंध न केवल किन्नर समुदाय बल्कि सभी के लिए खतरनाक हो सकते हैं।

सुरक्षित यौन संबंध, नियमित स्वास्थ्य जाँच और यौन शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके अलावा, समाज में यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए सरकार और गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) को मिलकर काम करना चाहिए।

यह शोध यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। हालाँकि, इसे किसी समुदाय के प्रति भेदभाव के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए। असुरक्षित यौन संबंध सभी के लिए खतरनाक हो सकते हैं, और इसलिए यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है।

सरकार, स्वास्थ्य संगठनों और समाज को मिलकर यौन स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए कदम उठाने चाहिए। केवल इसी तरह हम एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज का निर्माण कर सकते हैं।

स्रोत: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR)

स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साक्षात्कार।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *