नई दिल्ली, 11 मार्च 2025: पिछले कुछ वर्षों से एयरलाइन कंपनियों को मिलने वाली बम धमकियों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। साल 2024 में यह आंकड़ा रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। ताजा आंकड़ों के अनुसार, साल 2024 में एयरलाइन कंपनियों को कुल 728 बम धमकियों के मामले सामने आए, जो पिछले वर्षों के मुकाबले कई गुना अधिक है। इंडिगो, एयर इंडिया और विस्तार जैसी बड़ी एयरलाइन कंपनियों को सबसे अधिक धमकियां मिली हैं।
बीते वर्षों में कितनी बम धमकियां मिलीं?
आइए नजर डालते हैं पिछले छह वर्षों में एयरलाइन कंपनियों को मिली बम धमकियों के आंकड़ों पर:
वर्ष | बम धमकियों की संख्या |
---|---|
2020 | 4 |
2021 | 2 |
2022 | 13 |
2023 | 71 |
2024 | 728 |
2025 (फरवरी तक) | 15 |
साल 2024 में धमकियों का आंकड़ा सबसे अधिक देखने को मिला है, जिससे देश की सुरक्षा एजेंसियों और एयरलाइन कंपनियों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं।
कौन सी एयरलाइन कंपनियों को मिली सबसे अधिक धमकियां?
बम धमकियों का सिलसिला ज्यादातर भारत की तीन प्रमुख एयरलाइन कंपनियों के इर्द-गिर्द ही देखा गया है। साल 2024 में इंडिगो, एयर इंडिया और विस्तार को सबसे अधिक धमकियां मिली हैं। इन धमकियों के कारण यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंता बढ़ गई है।
1. इंडिगो एयरलाइंस:
- साल 2024 में इंडिगो को 300 से अधिक बम धमकियां मिलीं।
- इनमें से 50 से अधिक मामलों में विमान को इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी।
2. एयर इंडिया:
- एयर इंडिया को साल 2024 में करीब 250 धमकियां मिलीं।
- इनमें से 30 से अधिक धमकियों के कारण उड़ानों को रद्द करना पड़ा।
3. विस्तारा एयरलाइंस:
- विस्तार को साल 2024 में 150 बम धमकियां मिलीं।
- इनमें से 20 मामलों में यात्रियों को सुरक्षित उतारना पड़ा।
बम धमकियों से यात्रियों में दहशत
लगातार बम धमकियों के कारण यात्रियों के मन में डर का माहौल बना हुआ है। एयरलाइंस कंपनियों को बार-बार उड़ानों को रोकना या रद्द करना पड़ रहा है। साथ ही, विमान को इमरजेंसी लैंडिंग करने के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। यह स्थिति न केवल यात्रियों के लिए परेशानी का कारण बन रही है बल्कि एयरलाइन कंपनियों के लिए भी बड़े आर्थिक नुकसान का सबब बन रही है।
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही हैं?
सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार इन धमकियों को रोकने के लिए काम कर रही हैं। सभी एयरलाइन कंपनियों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे अपनी सुरक्षा प्रणाली को मजबूत करें। इसके अलावा, विमान के अंदर और बाहर सुरक्षा बढ़ाने के लिए विशेष टीमें बनाई गई हैं। साथ ही, यात्रियों की जांच प्रक्रिया को और भी कड़ा कर दिया गया है।
क्या इन धमकियों के पीछे किसी संगठित गिरोह का हाथ है?
सुरक्षा एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इन धमकियों के पीछे किसी आतंकवादी संगठन का हाथ है। शुरुआती जांच में कई ऐसे सुराग मिले हैं जो यह इशारा करते हैं कि यह एक संगठित साजिश हो सकती है। हालांकि, अभी तक किसी भी संगठन का नाम सामने नहीं आया है।
यात्रियों के लिए क्या हैं सुरक्षा के उपाय?
सुरक्षा एजेंसियों और एयरलाइन कंपनियों द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के लिए निम्नलिखित उपाय किए जा रहे हैं:
- कड़ी जांच प्रक्रिया: अब यात्रियों और उनके सामान की जांच पहले से अधिक सख्त कर दी गई है।
- अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती: एयरपोर्ट और फ्लाइट के अंदर अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
- सीसीटीवी निगरानी: एयरपोर्ट और विमानों के अंदर सीसीटीवी निगरानी को बढ़ा दिया गया है।
- संदिग्ध गतिविधियों पर नजर: किसी भी संदिग्ध गतिविधि को तुरंत रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है।
बढ़ती बम धमकियों के कारण देश की एयरलाइन कंपनियों और यात्रियों के लिए सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां लगातार इन धमकियों से निपटने के लिए काम कर रही हैं, लेकिन यह बेहद जरूरी हो गया है कि सभी यात्री सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें।
संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
प्रश्न 1: क्या इन बम धमकियों के पीछे किसी आतंकी संगठन का हाथ है?
उत्तर: अभी तक सुरक्षा एजेंसियों को किसी विशेष आतंकी संगठन का सीधा हाथ नहीं मिला है, लेकिन जांच जारी है।
प्रश्न 2: क्या बम धमकियों के कारण उड़ानें रद्द की जा रही हैं?
उत्तर: हां, कई मामलों में एयरलाइंस को अपनी उड़ानों को रद्द करना पड़ा है या इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी है।
प्रश्न 3: क्या यात्रियों को यात्रा के दौरान डरने की जरूरत है?
उत्तर: एयरलाइन कंपनियां और सुरक्षा एजेंसियां यात्रियों की सुरक्षा के लिए हर संभव उपाय कर रही हैं। यात्रियों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्क रहना आवश्यक है।
प्रश्न 4: क्या इन धमकियों से एयरलाइन कंपनियों को नुकसान हो रहा है?
उत्तर: जी हां, लगातार उड़ानों के रद्द होने और इमरजेंसी लैंडिंग के कारण एयरलाइन कंपनियों को भारी नुकसान हो रहा है।